जैन साध्वी का आगरा में पक्षी घर और दिव्यांग सेंटर पर पावन आगमन – करुणा और सेवा का दिव्य दर्शन

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डॉक्टर भानु प्रताप सिंह 

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. गुरुवार का दिन परम सौभाग्यशाली रहा, जब परम पूज्य वचन सिद्ध कल्पलता श्री जी महाराज साहब एवं श्री वैराग्य गुणा श्री जी महाराज साहब का जयपुर हाउस 117 दिव्यांग सेंटर, एवं पक्षी घर पर पावन आगमन हुआ। आगरा विकास मंच एवं श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर द्वारा संचालित निःशुल्क दिव्यांग सेंटर, जयपुर हाउस, आगरा में उनकी पावन उपस्थिति ने समस्त वातावरण को आलोकित कर दिया।

साध्वी जी ने सेंटर में अपनी करुणामयी दृष्टि से दिव्यांगजनों के जीवन को संवारा। उन्होंने दोनों पैरों से दिव्यांग एक व्यक्ति को निःशुल्क जयपुर फुट लगवाने की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष देखा और उसे स्वयं के पैरों पर चलते हुए देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। जयपुर फुट के निर्माण की सूक्ष्म प्रक्रिया को जानने की उनकी जिज्ञासा ने उपस्थित सभी को प्रेरित किया। उनकी यह उत्सुकता और संवेदनशीलता मानवता के प्रति उनके गहन समर्पण का प्रतीक है।

कोठी मीना बाजार के निकट आगरा विकास मंच द्वारा संचालित पक्षी घर एवं चिकित्सालय में साध्वी जी। साथ में राजकुमार जैन।

तत्पश्चात, साध्वी जी आत्मनिर्भर प्रशिक्षण केंद्र पहुंचीं, जहां बच्चे कंप्यूटर की तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उन्होंने परमात्मा महावीर के अहिंसा, करुणा और आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों से बच्चों को अवगत कराया। उनकी मधुर वाणी में उच्चरित मंगलिक ने बच्चों के मन में नवीन उत्साह और आत्मविश्वास का संचार किया। प्रत्येक बच्चे को उनके आशीर्वचन प्राप्त हुए, जो उनके जीवन की अमूल्य निधि बन गए।

आगरा विकास मंच द्वारा संचालित पक्षी घर एवं सेवा केंद्र में साध्वी जी की पावन उपस्थिति ने प्रकृति के प्रति उनकी असीम करुणा को उजागर किया। उन्होंने घायल पक्षियों के लिए निर्माणाधीन चिकित्सालय का अवलोकन किया और नवकार मंत्र की पवित्र ध्वनि के साथ मंगलिक सुनाकर पक्षियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। उनकी यह प्रेममयी उपस्थिति पक्षियों के लिए सौभाग्य का क्षण बन गई। वहां उपस्थित प्रत्येक प्राणी उनकी मंगलमयी ऊर्जा से चरितार्थ हुआ। आज का दिन उन घायल प्राणियों के लिए अविस्मरणीय रहा, जिन्हें साध्वी जी के सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

इसके पश्चात, साध्वी जी राजकुमार जैन सुनील कुमार जैन आशीष जैन के निवास पर पधारीं। वहां उन्होंने परिवारजनों को अपने आशीर्वचन प्रदान किए और गौचरी का लाभ दिया। उनके आगमन से समस्त परिवार धन्य-धन्य हो उठा। साध्वी जी की सौम्य उपस्थिति ने वहां के वातावरण को पवित्रता और शांति से भर दिया।

परम पूज्य साध्वी श्री जी महाराज करुणा की साक्षात् मूर्ति हैं। उनकी वाणी में वेदों की गहराई, हृदय में समुद्र-सी उदारता और कर्मों में तप की अग्नि समाहित है। वे न केवल मानवता की सेवा में समर्पित हैं, अपितु प्रकृति और समस्त प्राणियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता अनुकरणीय है। चाहे वह दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प हो, बच्चों को नैतिकता का पाठ हो, या घायल पक्षियों के लिए प्रार्थना – साध्वी जी का प्रत्येक कदम करुणा और धर्म का दीप प्रज्ज्वलित करता है। उनकी उपस्थिति मात्र से ही हृदय में शांति और जीवन में नवीन प्रेरणा का संचार होता है। वे साक्षात् तीर्थंकरों के आदर्शों की जीवंत प्रतिमूर्ति हैं।

साध्वी जी का यह पावन आगमन आगरा नगरी के लिए केवल एक घटना नहीं, अपितु एक युग-परिवर्तन का प्रतीक है। उनके कदमों ने जहां दिव्यांगजनों के जीवन में आशा का दीप जलाया, वहीं बच्चों के भविष्य को नैतिकता और आत्मनिर्भरता के पंख प्रदान किए। घायल पक्षियों के प्रति उनकी करुणा हमें यह स्मरण कराती है कि सच्चा धर्म केवल मानव तक सीमित नहीं, अपितु समस्त प्राणियों के कल्याण में निहित है। यह हम सभी के लिए एक प्रेरणा है कि हम अपने जीवन में करुणा, सेवा और अहिंसा के मार्ग को अपनाएं। साध्वी जी का यह सान्निध्य हमें आत्ममंथन का अवसर प्रदान करता है कि हम भी अपने कर्मों से समाज और प्रकृति के प्रति अपने दायित्व को निभाएं। उनकी यह यात्रा न केवल आगरा, अपितु समस्त विश्व के लिए एक मंगलमयी संदेश है – जहां करुणा है, वहां जीवन है।

Dr. Bhanu Pratap Singh