प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल और भारतीय उद्योग वैश्विक विकास के लिए ‘आशा की किरण’ बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश अपनी प्राचीनता को संरक्षित और प्रोत्साहित कर रहा है, साथ ही अपने नवाचार और आधुनिकता को भी मजबूत बना रहा है।
मोदी ने श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामी के 80वें जन्मदिन समारोह पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संदेश में यह बात कही।
सच्चिदानंद स्वामी ने अवधूत दत्त पीठम की स्थापना की थी, जो एक अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कल्याण संगठन है।
मोदी ने अपने संबोधन में ”आजादी के अमृत महोत्सव” के दौरान पड़ने वाले इस शुभ अवसर के संदर्भ में स्वयं से पहले दूसरों का भला करने की संतों की शिक्षा को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ सामूहिक संकल्पों का आह्वान कर रहा है। आज देश अपनी पुरातनता का संरक्षण व संवर्धन कर रहा है और साथ ही अपनी नवीनता तथा आधुनिकता को भी मजबूत बना रहा है।”
उन्होंने कहा, ”आज भारत की पहचान योग के साथ-साथ युवा देश की भी है। आज दुनिया हमारे स्टार्टअप को अपने भविष्य के रूप में देख रही है। हमारा उद्योग और हमारी मेक इन इंडिया पहल वैश्विक विकास के लिए आशा की किरण बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि लोगों को इन संकल्पों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना होगा।
मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि आध्यात्मिक केंद्र इस दिशा में भी प्रेरणा के केंद्र के रूप में काम करें।
उन्होंने इस अवसर पर सच्चिदानंद स्वामी और उनके अनुयायियों को बधाई दी और संतों व विशिष्ट अतिथियों द्वारा ”हनुमत द्वार” प्रवेश द्वार के समर्पण का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि सच्चिदानंद स्वामी का जीवन इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि संत मानवता के कल्याण के लिए पैदा होते हैं और उनका जीवन सामाजिक प्रगति व मानव कल्याण से जुड़ा हुआ होता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि अवधूत दत्त पीठम में आध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता को भी बढ़ावा दिया जाता है।
उन्होंने मैसूर के भव्य हनुमान मंदिर का 3डी मानचित्रण, ‘लाइट-एंड-साउंड शो’ और आधुनिक प्रबंधन वाले पक्षी उद्यान का हवाला दिया।
मोदी ने कहा कि अवधूत दत्त पीठम वेदों के अध्ययन के लिए एक महान केंद्र होने के अलावा, स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए संगीत का उपयोग करने में प्रभावशाली नवाचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, ”विज्ञान का यह प्रयोग, आध्यात्मिकता के साथ प्रौद्योगिकी के संगम को दर्शाते एक गतिशील भारत की आत्मा है। मुझे खुशी है कि स्वामी जी जैसे संतों के प्रयासों से आज देश के युवा अपनी परंपराओं की ताकत से रूबरू हो रहे हैं और उन्हें आगे ले जा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने प्रकृति के संरक्षण और पक्षियों की सेवा में अवधूत दत्त पीठम के कार्यों पर बात करते हुए इससे जल और नदी संरक्षण के लिए भी काम करने का आग्रह किया।
स्वच्छ भारत मिशन में संगठन के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने प्रत्येक जिले में 75वें ”अमृत सरोवर” अभियान में योगदान देने का भी आग्रह किया।
-एजेंसियां
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