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आईएएस एमपी मिश्रा ने रोटरी क्लब ऑफ आगरा ताज सिटी के अधिष्ठापन समारोह में कहा- पुण्य से मिलता है सेवा भाव, Rotary Club से आजन्म जुड़े रहें

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डॉ. भानु प्रताप सिंह

Live Story Time, Agra, Uttar Pradesh, India.    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई) के सलाहकार एमपी मिश्रा (आई.ए.एस.) का कहना है कि सेवा भाव बहुत कठिन है और यह पुण्य से मिलता है। संकल्प लें कि रोटरी क्लब से आजन्म जुड़े रहेंगे। श्री मिश्र उत्तर प्रदेश के गृह सचिव रहे हैं। श्री मिश्र ने ही यूपी में डायल 100 सेवा शुरू कराई थी।

श्री मिश्र रोटरी क्लब ऑफ आगरा ताज सिटी के अधिष्ठापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम होटल क्लार्क्स शिराज में हुआ।  अमिताभ ने अपनी कार्यकारिणी के साथ अध्यक्ष का कार्यभार संभाला।

उन्होंने वेद मंत्र

“ॐ सहनाववतु

सह नौ भुनक्तु

सह वीर्यं करवाव है

तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषाव है’

का उल्लेख करते हुए कहा कि हम साथ-साथ आगे बढ़ें, साथ-साथ भोजन करें, एक साथ पौरुष करें, को आत्मसात करना होगा। साथ-साथ रहेंगे तो कुछ कर सकेंगे।

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श्री मिश्र ने कहा कि सेवा का मॉडल विदेश से नहीं लाया जा सकता है। हमें अपना प्रतिदर्श स्वयं बनाना होगा। इसका कारण यह है कि हमारे यहां गरीबी और अमीरी की बीच गहरी असमानता है, जो चुनौती है। गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) को सेवा करने के लिए बहुत कुछ है। सेवा के आयाम बहुत हैं। आगरा शहर में सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य है। सेवा की अनंत संभावनाएं हैं।

उन्होंने आह्वान किया कि शहर केंद्रित न रहें। ग्रामीण क्षेत्र में हर वर्ग को लें। देखें कि झुग्गी में लोग किस तरह से रह रहे हैं। किसी क्षेत्र विशेष में सघन रूप से काम करें जैसे सरकार कुछ क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट चलाती है। जब प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो आगे बढ़ते जाते हैं। इस संबंध में उन्होंने हरित क्रांति का उदाहरण किया। अगर बुद्धि, वैभव, उत्साह और अनुभव है तो हर कार्य सफल होगा।

श्री मिश्र ने कहा कि पौधारोपण करें। सरकारी प्रयास से इतने पौधे लगाए गए हैं कि धरती पर समा नहीं सकते हैं। लगाए गए पौधों में से कितने बढ़े, यह नहीं देखा गया। यह देखना हम सबकी जिम्मेदारी है। सिस्टम का व्यक्ति तो अपनी कमजोरी छिपाएगा, भुक्तभोगी तो हम हैं।

उन्होंने कहा कि प्रभु ने मनुष्य योनि सिर्फ जीवनयापन के लिए नहीं दी है। हमें आवागमन से मुक्ति का उपाय करना है। इसके लिए विपन्न की सेवा करें तो प्रभु के पास जाने की अच्छी तैयारी कर सकेंगे।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh