हर्निया का इलाज सिर्फ आपरेशन, जल्दी कराने से है फायदा 

हर्निया का इलाज सिर्फ आपरेशन, जल्दी कराने से है फायदा 

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एसएन  में आयोजित आईएचएसकॉन 2022 में पहले दिन किए 16 आपरेशन 

सामान्य सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से जाली डालकर किए जा रहे हर्निया के आपरेशन 

आगरा l हर्निया से पीड़ित मरीज देर से सर्जन के पास पहुंच रहे हैं। इसलिए यह समझना जरूरी है कि हर्निया का इलाज सिर्फ और सिर्फ आपरेशन है। हर्निया का आपरेशन जितना जल्दी करा लें, उतना ही फायदा है। हर्निया को नजरअंदाज करने पर आंत फंस सकती हैं और जान को भी खतरा हो सकता है।  इंडियन हर्निया सोसायटी, एसएन मेडिकल कॉलेज, सोसायटी आफ एंडोस्कोपिक एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन्स आफ आगरा सेल्सा, एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ आगरा द्वाा आयोजित आईएचएसकॉन 2022  में पहले दिन शनिवार को 16 आपरेशन किए गए। एसएन मेडिकल कालेज की नई सर्जरी बिल्डिंग के तीन आपरेशन थिएटर में आपरेशन किए गए और सीनियर ब्वायज हास्टल स्थित आडिटोरियम में लाइव सर्जरी पर विचार विमर्श किया गया।

एम्स, दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. एमसी मिश्रा ने बताया कि हर्निया की समस्या बढ़ रही है। आपरेशन से महिलाओं में भी हर्निया बढ़ा है। जन्मजात हर्निया की समस्या से लेकर 60 से अधिक उम्र के लोगों में हर्निया की समस्या बढ़ी है। हर्निया का इलाज आपरेशन है और अब अत्याधुनिक लेप्र्रोस्कोपिक विधि से हर्निया के आपरेशन से इन्फेक्शन और रिकरेंस बहुत कम हुआ है। कानपुर के  प्रो. शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि दूरबीन विधि से हर्निया का आपरेशन करने के लिए जाली को सिगरेट के आकार में लाया जाता है, इसके बाद दूरबीन के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंचाते हैं और उसे सीधा करते हैं। इसमें 45 मिनट से तीन घंटे तक लग सकते हैं। हर्निया के आपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है।

एसएन के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि हर्निया के आपरेशन में तकनीकी के साथ अनुभव काम आता है। इस कार्यशाला से डाक्टरों के साथ ही जूनियर डाक्टरों को भी सीखने को मिला है।   सचिव डा. जेपीएस शाक्य ने कहा कि बताया कि हर्निया से जुड़े कई तरह के भ्रम हैं, इन्हें सर्जन ही दूर कर सकते हैं इसलिए हर्निया की समस्या होने पर डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

आगरा सर्जन एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सुनील शर्मा ने बताया कि हर्निया के मरीज हास्पिटल में भर्ती होते हैं और दो दिन बाद ही काम पर चले जाते हैं। लेप्रोस्कोपिक विधि से आपरेशन से न दर्द होता है और न कोई और समस्या आती है। सर्जरी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. जूही सिंघल ने बताया कि तीन आपरेशन थिएटर में पहले दिन 16 आपरेशन किए गए। संयोजक डा. अमित श्रीवास्तव और डा. समीर कुमार ने बताया कि कार्यशाला में दूसरे दिन चार वर्ष के बच्चे सहित अन्य हर्निया के मरीजों के आपरेशन किए जाएंगे।

कार्यशाला के शुभारंभ पर प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता, प्रो. एमसी मिश्रा, प्रो. एसडी मौर्या, कानपुर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संजय काला, आयोजन अध्यक्ष डा. रवि पचौरी, डा. सुनील शर्मा,   डॉ प्रशांत लवानिया ,डा. राजेश गुप्ता, डा. रिचा जैमन, डा. सुरेंद्र पाठक, डा. पुनीत श्रीवास्तव, डा. अराधना सिंह, डा. संदीप गुप्ता,डा. विवेक कुमार , डॉक्टर करन रावत डा. संदीप गुप्ता, डॉ. अंकुर अग्रवाल, डा. अनुभव गोयल, डा. अंकुर गोयल, डा. प्रीति भारद्वाज, डा. प्रतिज्ञा कुमार, डा. दीपशिखा, डा. भावना वर्मा, ऋषि श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh