Jat Raja Mahendra Pratap

राजा महेन्द्र प्रताप को भारत रत्न दिलाएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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Mathura, Uttar Pradesh, India. राजा महेन्द्र प्रताप अभियान के संयोजक हरपाल सिंह राना (कादीपुर, दिल्ली) ने महान राष्ट्रभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, त्यागी, समाज सेवी, राजा महेन्द्र प्रताप जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि वे भारत सरकार से भारत रत्न देने की सिफारिश करें।

हरपाल सिंह राना ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई गई है। अब भारत रत्न भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने बिंदुवार अवगत कराया है कि राजा महेन्द्र प्रताप को भारत रत्न क्यों दिया जाए।

इस बीच राजा महेन्द्र प्रताप राष्ट्रीय अभियान (भारत) के अध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार और महामंत्री यशपाल सिंह राणा ने भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे राजा महेन्द्र प्रताप को भारत रत्न दिलाने का प्रयास करें। सच्चे देशभक्त राजा महेन्द्र प्रताप को भारत रत्न अब नहीं तो कब मिलेगा?

मुख्यमंत्री 12 सितम्बर को ब्रज रज महोत्सव में भाग लेने मथुरा आ रहे हैं। आजादी के बाद राजा महेन्द्र प्रताप का पूरा जीवन मथुरा में ही बीता। वे जिस कोठी में रहते थे, उसमें स्कूल चल रहा है। उसी परिसर में राजा महेन्द्र प्रताप की समाधि है। डॉ. देवी सिंह नरवार ने मांग की है कि मुख्यमंत्री राजा महेन्द्र प्रताप की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करें ताकि सही संदेश जा सके।दिल्लीहरपाल सिंह राना

(1)   देश में फकीर से राजा तो अनेक बने, लेकिन राजा से बने फकीर अकेले महान शिक्षाविद, क्रांतिकारी, समाजसेवी स्वर्गीय राजा महेंद्र प्रताप, जो देश के इकलौते राजा थे जिन्होंने अपनी अधिकतर भूमि, संपत्ति शिक्षा संस्थानों, किसानों को देकर स्वरोजगार और शिक्षा का फैलाया उजियारा।

(2)   आज़ादी के प्रमुख महानायको में शुमार त्यागी मसीहा राजा महेंद्र प्रताप का जन्म: 1 दिसम्बर, 1886, मुरसान (अलीगढ़), उत्तर प्रदेश में हुआ।

(3)   वह शिक्षित और बुद्धिमान राजा थे, जिन्होंने अपनी सैकड़ों एकड़ भूमि शैक्षिक संस्थाओं, गुरुकुलओं को दान कर भारत को शिक्षित करने को बढ़ावा दिया।

(4)   देश को आज़ाद कराने के लिए 32 वर्ष विदेश में रहकर ब्रिटिश हुकूमत को भारत छोड़ने को मजबूर किया।

(5)   दूरदर्शी राजा महेंद्र प्रताप ने 1915 में अफगानिस्तान काबुल में आजाद हिंद सरकार का गठन किया।

(6)   उनकी योग्यता दूरदर्शिता और कुशलता के फलस्वरूप उन्हें 1932 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया।

(7)   जर्मनी के राजा ने महाअनुभवी राजा महेंद्र प्रताप जी को ऑर्डर ऑफ दी रैड ईगल की उपाधि से सम्मानित किया।

(8)   जर्मन शासकों का विश्वास जीतकर उन्होंने पोलैंड सीमा के पास सेना के कैंप में रहकर राष्ट्र को स्वतंत्र कराने के लिए महज 28 वर्ष की उम्र में युद्ध की ट्रेनिंग प्राप्त की।

(9)   राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी तीन दशकों से अधिक तक जर्मनी, अफगानिस्तान, पोलैंड, स्विट्जरलैंड, तुर्की, इजिप्ट इत्यादि देश को स्वतंत्र करवाने की मुहिम का प्रचार प्रसार करते रहे और स्वतंत्रता सेनानियों की विदेशों में मदद करते थे।

(10) 25 दिसंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा काबुल की संसद के हॉल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी के नाम से उद्घाटन करते वक्त राजा महेंद्र प्रताप और आज़ादी पर उनकी महत्ता को दुनिया के सामने उजागर किया।

(11) नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा- हमारे स्वतंत्रता संग्राम के लिए भारतीयों को अफगानों का समर्थन याद है। खान अब्दुल गफ्फार खान का योगदान उस इतिहास के महत्वपूर्ण पड़ाव था। आज से ठीक सौ साल पहले, राजा महेंद्र प्रताप और मौलाना बरकतुल्लाह द्वारा काबुल में आजाद हिंद सरकार का गठन किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने सीमांत गांधी के साथ राजा महेंद्र प्रताप का नाम लिया और उनके तथा अफगानिस्तान के राजा के बीच की बातचीत को भाईचारे की भावना का प्रतीक बताया।

(12) संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की परिकल्पना भी राजा महेंद्र प्रताप की थी।

(13)राजा महेंद्र प्रताप ने अपना पूरा जीवन देश की आजादी के लिए खपा दिया। 29 अप्रैल, 1979 को उनके स्वर्गवास के बाद भारत सरकार ने उनके नाम से एक डाक टिकट जारी कर अपने कर्तव्य को पूर्ण मान लिया। सही मायने में वे भारत रत्न सम्मान के हकदार थे और इतिहासकारों ने असली स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों, बलिदानों के साथ राजा महेंद्र प्रताप का भी सही प्रकार से मूल्यांकन नहीं किया।

(14)उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए लगाया और आजादी के बाद वह मथुरा से सांसद भी चुने गए।

(15)इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश चौधरी सीपी सिंह ने बताया है कि किन-किन महापुरुषों ने राजा साहब के बारे में क्या क्या कहा।

(क)  पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा में जाकर कहा कि आपने दो महापुरुष पैदा किए एक का नाम श्रीकृष्ण है और दूसरे हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह।

(ख)  राष्ट्रपति महात्मा गांधी जी ने कहा “राजा महेंद्र प्रताप जी के लिए मेरे मन में सन 1915 से ही आदर पैदा हो गया था उनसे भी पहले उनकी ख्याति का हाल मेरे पास अफ्रीका में पहुंच गई थी। उनका त्याग और देशभक्ति सराहनीय है राजा साहब जैसा विश्वप्रेम, देशप्रेम अब मिलता नहीं है। दुनिया कहती है कि महात्मा गांधी सबसे बड़े हैं मैं कहता हूं कि राजा साहब मुझसे भी बड़े हैं।

(ग)   पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी ने कहा “मेरी उम्र के लोग अपनी नोजवानी के दिनों में जिन महापुरुषों से प्रेरणा लिया करते थे उसमें राजा महेंद्र प्रताप का स्थान बहुत ऊंचा था।

(घ)   पृथ्वी सिंह आजाद ने कहा कि “राजा साहब देश में अकेले पहले ऐसे राजा हैं जिन्होंने अपनी जागीर (धन संपदा) को सबसे पहले देश के नागरिकों के लिए उपयोग किया।

(ङ)  पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी ने कहा “राजा महेंद्र प्रताप न केवल स्वतंत्र सेनानी हैं बल्कि मानवता के सच्चे अनुयायी भी हैं।

(च)   मोहम्मद उमर खान राजदूत ने कहा कि “मैंने राजा महेंद्र प्रताप सिंह जैसा देशभक्त व बहादुर इंसान अभी तक नहीं देखा है।

(छ)  महान संत ओशो किसी व्यक्ति के घर नहीं जाते थे लेकिन वह स्वयं राजा महेंद्र प्रताप से मिलने उनके घर आए।

(ज)   विद्वान लेखक राघव शरण शर्मा  के द्वारा बताया गया कि अनेक महापुरुषों ने राजा महेंद्र प्रताप की संघर्ष और त्याग की अपने अपने अनुसार व्याख्या की है जिसमें जवाहरलाल नेहरू ने अपनी जीवनी में सिर्फ दो ही व्यक्तियों का जिक्र किया है जिसमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह की भूरि- भूरि प्रशंसा की गई है।

(झ) राजा साहब पर पीएचडी करने वाले डॉ. अनूप शर्मा, प्रधानाचार्य ने कहा कि रंक से राजा तो बहुत बने लेकिन राजा से फकीर बने अकेले राजा महेंद्र प्रताप।

Dr. Bhanu Pratap Singh