भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रहे हरभजन सिंह का आज जन्मदिन है। 3 जुलाई 1980 को पंजाब के जालंधर में जन्मे ‘सोनू’ आज 42 साल के हो गए। तेज गेंदबाज बनने की इच्छा लेकर क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले भज्जी कब स्पिनर बन गए, खुद उन्हें ही पता नहीं चला। लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे भज्जी ने इसी साल संन्यास लिया और आम आदमी पार्टी की टिकट पर राज्यसभा सांसद बने। आइए एक नजर उनके क्रिकेट करियर पर डालते हैं।
‘टर्बनेटर’ के नाम से मशहूर भज्जी ने आज भारत की ओर से टेस्ट हैट्रिक लेने वाले पहले क्रिकेटर हैं। 11 मार्च 2001 को कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने टेस्ट मैच में यह कारनामा किया था। उस उनकी उम्र 20 साल थी। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम ने ईडन में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। भले ही फॉलोऑन खेलने उतरी भारतीय टीम के लिए वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जीत के हीरो रहे, लेकिन बुनियाद ऑफ स्पिनर हरभजन की हैट्रिक ने रखी थी।
ऐसे चटकाई थी हैट्रिक
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में उन्होंने तीन गेंदों पर लगातार तीन विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर चार विकेट पर 252 रन था और रिकी पोंटिंग के साथ कप्तान स्टीव वॉ क्रीज पर थे। तीन गेंद के अंदर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 252 रनों पर सात विकेट हो गया। हरभजन ने गेंद को फुल लैंथ पर डाला और पोंटिंग तथा एडम गिलक्रिस्ट ने क्रीज में पीछे जाते हुए गेंद को खेला और लाइन में नहीं आ पाए। शेन वॉर्न ने बल्ले से गेंद को खेला, लेकिन वह गेंद को नीचे नहीं रख सके और फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर सदगोपन रमेश ने उनका कैच पकड़ा।
ट्रक ड्राइवर बनना चाहते थे भज्जी
बेहद कम लोग जानते हैं कि हरभजन सिंह एक वक्त क्रिकेट छोड़कर ट्रक ड्राइवर बनने चले गए थे। दरअसल, साल 2000 में उनके पिता का निधन हो गया था। उसके बाद मां और पांच बहनों की जिम्मेदारी उन्हीं पर आ गई थी। ऐसे में उन्होंने यह ठान लिया था कि वह कनाडा जाकर ट्रक चलाएंगे लेकिन बहनों की सलाह पर रुक गए और क्रिकेट खेलते रहे। साल 2000 की रणजी ट्रॉफी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में जगह बनाई थी। फिर जो हुआ वह इतिहास है।
-एजेंसियां
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