दीनदयाल धाम फरह मथुरा में गोपाष्टमी उत्सवः ‘घर-घर गाय गाँव-गाँव गौशाला, यही हमारी निरोगशाला’ नारा बुलंद, गौमांस का निर्यात बंद हो

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समुद्र मंथन से हुई गाय और तुलसी की उत्पत्तिः के.ई.एन. राघवन

हरित क्रांति से आमदनी तो बढ़ी लेकिन स्तन कैंसर बढ़ाः खेमचंद्र

सक्षम वर्ग हर शहर में गौशाला खोलेः विजय कौशल महाराज

संघ के क्षेत्र प्रचारक महेन्द्र जी ने किया गौपूजन और हवन

परखम में शुरू होंगे रोजगारपरक पाठ्यक्रमः डॉ. हरीराम भदौरिया

डॉ. गजेन्द्र सिंह भदौरिया ने लगाई जड़ी-बूटी प्रदर्शनी, सभी ने सराहा

Mathura, Uttar Pradesh, India. दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति दीनदयाल धाम, फरह, मथुरा के मधुकर सभागार में मंगलवार को गोपाष्टमी उत्सव का आयोजन किया। विद्वानों ने गौसेवा की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा कि समुन्द्र मंथन से गाय और तुलसी की उत्पत्ति हुई। गौसेवा से अनेक प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए गाय वरदान है।“घर-घर गाय गाँव-गाँव गौशाला, यही हमारी निरोगशाला” का नारा भी बुलंद किया गया। जड़ी-बूटी प्रदर्शनी लगाई गई। दीनदयाल गौग्राम, परखम में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गई। कार्यक्रम में देश-विदेश के संत, वैज्ञानिक एवं समाजसेवियों ने भाग लिया।

 

दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के मंत्री डॉ. हरी राम भदौरिया ने बताया कि गौशाला का प्रारम्भ स्व. श्री ओमप्रकाश जी पूर्व क्षेत्र प्रचारक द्वारा किया गया था। “पण्डित दीनदयाल जी के अन्त्योदय” शब्द में कितनी दयालता, सरलता सहयोगी भावना तथा उन गरीब व पिछड़े लोगों की मदद करने की भावना परिलक्षित होती है, उसी का प्रायोगिक रूप देने हेतु समिति ने अनेक कार्य प्रारम्भ किए हैं। इनमें गायों का संरक्षण, संवर्धन के साथ-साथ स्वावलम्बी होना भी है। समिति द्वारा दीनदयाल गौग्राम, परखम में प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना होने जा रही है, जिसमें अनेक प्रकार के डिप्लोमा कोर्सेस शुरू होंगे, जिससे काफी लोगों को रोजगार भी प्राप्त होंगे। साथ ही संस्कृत विद्यालय, जैविक खेती के विभिन्न आयामों की स्थापना होगी। समिति ने 31-10-2022 से 03-112022 तक दीनदयाल धाम में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया है। भविष्य में भी अनेक प्रशिक्षण प्रस्तावित हैं। जड़ी-बूटी की प्रदर्शनी डॉ. गजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा लगायी है और इसको भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जोड़ा जायेगा। भविष्य में जड़ी-बूटियों के ज्ञान से काफी लाभ होगा। डॉ. भदौरिया ने मंचासीन एवं इस कार्यक्रम में उपस्थित श्री महेन्द्र जी क्षेत्र प्रचारक, श्री सोनपाल जी निदेशक, श्री बाँकेलाल जी, श्री रामवीर जी व अन्य सभी का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।  डॉ. गजेन्द्र सिंह भदौरिया ने समिति द्वारा किये गये कार्यों की डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की, जिसे सभी ने सराहा।

 

श्री के.ई.एन. राघवन, विशिष्ट अतिथि, अखिल भारतीय प्रशिक्षण प्रमुख गौसेवा गतिविधि ने अपने लम्बे एवं सम्मोहित उद्बोधन में अथर्ववेद में गाय वर्णन और विभिन्न कालखण्डों में गौमाता की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्वगुरु विचार के बल पर बन सकता है। उन्होंने जीवन में 16 संस्कारों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समुन्द्र मंथन से गाय और तुलसी की उत्पत्ति हुई। गाय की सेवा एवं संस्कारों द्वारा मनुष्य भी देवगुण प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने पुरानी अध्यापन विधि का वर्णन किया, जिसमें शिष्यों को 12 वर्षों के अध्ययनकाल में गौदुग्ध, गौ दही का सेवन कराया जाता था और शिक्षा समाप्ति पर हर शिष्य को गाय भेंट की जाती थी। उन्होंने लोगों के 12 वर्षों से भी पुरानी चली आ रहीं समस्याओं को मात्र गौसेवा करने के बाद ठीक होने के प्रत्यक्ष उदाहरणों का भी जिक्र किया ।

 

श्री खेमचन्द्र जी, केन्द्रीय मन्त्री, विश्व हिन्दू परिषद ने अपने उद्बोधन में बताया कि पर्यावरण स्वस्थता के लिये गाय वरदान है। परिवार कल्पना का आधार गाय और तुलसी को बताया। उन्होंने बताया कि अनुसंधान द्वारा यह प्रमाणित हो चुका है की गाय माता और तुलसी की परिक्रमा करने के बाद शरीर में स्ट्रेस लेवल कम हो जाता है और सकारात्मकता बढ़ जाती है। उन्होंने पैक्ड फूड एवं आटा इत्यादि में प्रयोग होने वाले प्रजरवेटिव को कैंसर का कारण बताया। गौ आधारित कृषि पर जोर देने को कहा। देशी गाय पालन में आमदनी दुगनी की रूपरेखा पर भी बात की। उन्होंने बताया कि हरित क्रांति से आमदनी तो बढ़ी और साथ-साथ महिलाओं में स्तन कैंसर, माताओं के दुग्ध में यूरिया का आना जैसे दुष्प्रभाव भी हुए। उन्होंने बताया कि गाय ही एक मात्र ऐसा प्राणी है जिसका मल और मूत्र का सेवन किया जाता है। गौमांस निर्यात बन्द करने का भी आवाहन किया। उन्होंने अपना वक्तव्य खत्म करते हुए कहा- “घर-घर गाय गाँव-गाँव गौशाला, यही हमारी निरोगशाला”

गोपाष्टमी
गोपाष्टमी उत्सव में मंचासीन अतिथि।

अमेरिका में सन् 1962 में साइंटिस्ट के रूप में कार्य कर रहे श्री बृजभूषण गर्ग ने अमेरिका में खेती में प्रयोग करने वाले केमिकल्स को कैंसर एवं बच्चों में आरिज़्म और विभिन्न स्वरूप समस्याओं का कारण पाया है ।

 

परम पूज्य स्वामी विजय कौशल जी महाराज वृन्दावन ने गौरक्षा के लिये आवाहन किया। उन्होंने कहा कि सुझाव दिया कि गाँव एवं शहर की जीवन शैली के कारण हर व्यक्ति या परिवार द्वारा गौशाला सम्भव नहीं है, इसलिए उद्योगपति, सक्षम वर्ग को हर शहर में गौशाला खोलने का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में गौमाता की वर्तमान स्थिति एवं गौशालाओं में उनके रखरखाव पर भी चिंता व्यक्त की ।

 

कार्यक्रम के अध्यक्ष रामकिशन अग्रवाल ने गाय पालने वालों पर गाय सेवा के द्वारा उनके शरीर पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों का जिक्र किया ।

 

इस सभा में पं. दीनदयाल उपाध्याय पत्रिका “अन्त्योदय” का भी विमोचन किया गया, जिसके रचयिता डॉ. अनुराग शर्मा आदि हैं। साथ ही “आयुर्वेदिक वन-औषधियों का परिचय एवं प्रयोग” पत्रक का विमोचन किया गया जो डॉ. गजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा लिखित है।

मथुरा में गोपाष्टमी
गोपाष्टमी उत्सल में अतिथियों का सम्मान

इस गोपाष्टमी उत्सव में 500 से अधिक लोग उपस्थित रहे । आयोजन स्थल पर दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति दीनदयालधाम, फरह, मथुरा द्वारा लगायी गयी “आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण” भी लोगों के आकर्षण का बिन्दु रहा। श्री के.ई.एन. राघवन ने प्रदर्शनी की बहुत सरहाना की । इस अवसर पर प्रमुख रूप से उदयभान सिंह पूर्व मन्त्री, श्री पूरन डावर, श्री महेश गोयल, अशोक टेंटीवाल जी, श्री रामवीर यादव, डॉ. हेमेन्द्र यादव, श्री जगमोहन पाठक, श्री नरेन्द्र पाठक, श्री कान्ता प्रसाद अग्रवाल, ठा. महीपाल सिंह, डॉ. अनुराग शर्मा, श्री शशिकान्त शर्मा पूर्व आईएएस, श्री हरीशंकर शर्मा, श्री अभिषेक, श्री मधुकर चतुर्वेदी, श्रीमती रीना सिंह, श्री हरीशंकर महौर पूर्व विधायक, श्री वाई.पी. सिंह, श्री अमित जैन, श्री राकेश शर्मा, श्री संजय शर्मा, श्री नत्थीलाल पाठक, श्री डी.पी. सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

प्रात: दीनदयाल गौग्राम परखम में गौ पूजन एवं हवन किया गया। इसमें प्रमुख रूप से गौग्राम समिति के उपाध्यक्ष श्री अमित जैन, मन्त्री श्री राकेश शर्मा, उपमन्त्री श्री नत्थीलाल, एडवोकेट डी.पी. सिंह सदस्य, दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के मन्त्री डॉ. हरी राम भदौरिया पत्नी सहित, श्री गोविन्द सिंह पत्नी सहित, श्री संजय शर्मा, श्री शिवशंकर शर्मा अध्यक्ष,  आरएसएस पश्चिम क्षेत्र प्रचारक श्री महेन्द्र जी, श्री नरेन्द्र पाठक, श्री जगमोहन पाठक समेत अनेक गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें। अंत में वन्देमातरम से कार्यक्रम का समापन किया गया।

 

मंच पर परम पूज्य स्वामी विजय कौशल जी महाराज, मुख्य अतिथि श्री खेम चन्द्र जी, केन्द्रीय मन्त्री विश्व हिन्दू परिषद, विशिष्ट अतिथि श्री के.ई.एन. राघवन जी अखिल भारतीय गौ प्रशिक्षण प्रमुख, श्री राम किशन जी उद्योगपति, श्री बृज भूषण गर्ग प्रमुख उद्योगपति एवं अमेरिका निवासी, डॉ. रोशन लाल जी, श्री भीकम सिंह जी, श्री शिवशंकर शर्मा जी एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के मन्त्री डॉ. हरी राम भदौरिया जी उपस्थित थे। अतिथियों ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी एवं गौमता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया। संचालन संचालक श्री शैलेन्द्र नरवार ने किया।

प्रस्तुतिः डॉ. भानु प्रताप सिंह

Dr. Bhanu Pratap Singh