अर्थव्यवस्था के लिए अच्‍छी खबर, जनवरी में मर्चेंडाइज़ निर्यात 34.5 अरब डॉलर पहुँचा

अर्थव्यवस्था के लिए अच्‍छी खबर, जनवरी में मर्चेंडाइज़ निर्यात 34.5 अरब डॉलर पहुँचा

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भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह किसी ख़ुशख़बरी से कम नहीं है. जनवरी महीने में भारत का मर्चेंडाइज़ निर्यात 34.5 अरब डॉलर पहुँच गया.
यह पिछले साल की तुलना में 25.3% ज़्यादा है. मंगलवार को इससे जुड़ा सरकारी डेटा जारी हुआ है जिसमें बताया गया है कि आयात में थोड़ी कमी आई है. ऐसे में भारत का व्यापार घाटा पिछले पाँच महीनों में सबसे निचले स्तर 17.4 अरब डॉलर पर आ गया है.
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की ताक़त उसके निर्यात से बढ़ती है. यानी आप विदेशों में अपना सामान ज़्यादा बेचते हैं और कम ख़रीदते हैं तो यह अर्थव्यवस्था की मज़बूती के संकेत हैं. इससे देश में विदेश मुद्रा भंडार बढ़ेगा और आयात बिल कम होगा. इसके साथ ही विदेशों में भारतीय उत्पाद की मांग बढ़ेगी तो रोज़गार भी पैदा होगा.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने इस ख़बर को पहले पन्ने पर प्रमुखता से जगह दी है. हालांकि जनवरी में गुड्स का निर्यात दिसंबर की तुलना में 8.75% कम रहा. दिसंबर में गुड्स का निर्यात रिकॉर्ड 37.81 अरब डॉलर का हुआ था.
यह 2021-22 में भारत के मर्चेंडाइज़ निर्यात के लक्ष्य को 400 अरब डॉलर के क़रीब ले जाता है. वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों में 336 अरब डॉलर का माल बेचा जा चुका है. यह एक साल पहले की तुलना में 47% की बढ़ोत्तरी है और कोविड महामारी से पहले की तुलना में 27.1% की बढ़ोत्तरी है.
सोने का आयात में भारी कमी
जनवरी में सोने के आयात में भारी कमी आई है. इस महीने सोने का आयात 2.4 अरब डॉलर का हुआ. यह पिछले साल जनवरी महीने की तुलना में 40.5% कम है. वहीं पिछले महीने की तुलना में लगभग आधा है. दिसंबर में सोने का आयात 4.72 अरब डॉलर का हुआ था.
येलो मेटल के आयात में आई कमी भारत के आयात बिल में भारी गिरावट की सबसे बड़ी वजह है. जनवरी में भारत का आयात बिल कम होकर 51.9 अरब डॉलर हो गया. यह दिसंबर 2021 की तुलना में 12.7% कम है. इसका नतीजा यह हुआ कि नवंबर 2021 में व्यापार घाटा रिकॉर्ड बढ़कर 22.9 अरब डॉलर पर पहुँच गया था और सितंबर महीने से औसतन 21.7 अरब डॉलर पर रहा था. अब इसमें कमी आई है.
हालांकि निर्यातकों का कहना है कि भारी आयात अब भी एक बड़ी चिंता है और जनवरी में बाहर से कच्चे माल की ख़रीदारी साल दर साल 23.5% बढ़ी है और यह अब भी 50 अरब डॉलर के ऊपर है.
रेटिंग फ़र्म आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ”2021 में सोने के आयात में आई बढ़ोत्तरी 2020 की दबी हुई मांग के कारण थी. हम उम्मीद करते हैं कि इस कैलेंडर इयर में 30-35 अरब डॉलर तक सीमित हो जाएंगे. सोने की मांग में कमी कोरोना की तीसरी लहर और उससे संबंधित पाबंदियों के कारण है. सोने के आयात में आई कमी के कारण ही पिछले पाँच महीनों में व्यापार घाटा सबसे निचले स्तर 17.4 अरब डॉलर पर पहुँच गया है.”
मंगलवार को जारी व्यापार डेटा में जनवरी महीने के निर्यात को अनुमानित 34.06 अरब डॉलर से थोड़ा ऊपर संशोधित किया गया है जबकि आयात को 52.01 अरब डॉलर से थोड़ा नीचे किया गया है.
जनवरी महीने में कॉफ़ी और पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यात लगभग डबल रहा जबकि कॉटन धागा और हथ-करघा उत्पाद का निर्यात 42.4% बढ़ा है. रेडिमेड कपड़े, मानव निर्मित सूत, चमड़ा और इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में जनवरी 2021 की तुलना में 20% और 25% की बढ़ोत्तरी हुई है.
फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गेनाइज़ेशन के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, ”पिछले महीने जिन सेक्टरों में उछाल रहा वे सभी श्रम से जुड़े थे. यह अच्छा संकेत है और आने वाले दिनों में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे. मुझे लगता है कि 400 अरब डॉलर के मर्चेंडाइज़ निर्यात का लक्ष्य आसानी से पार कर जाएंगे.”
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अनुसार जनवरी महीने में भारत के सर्विस सेक्टर का निर्यात 26.91 अरब डॉलर का रहा जो कि पिछले साल की तुलना में 55% ज़्यादा है और जनवरी 2020 की तुलना में 46.6% ज़्यादा है. सर्विस सेक्टर में निर्यात 15.8 अरब डॉलर से साल दर साल 60.3% बढ़ा है.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh