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36,410 करोड़ रुपये में मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेस-वे

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गंगा एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से प्रदेश में देश की सबसे अच्छी कनेक्टिविटी होगीः योगी आदित्यनाथ

Lucknow, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गंगा एक्सप्रेस-वे प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफील्ड) परियोजना का निर्माण प्रारम्भ करने के लिए मिशन मोड पर कार्य किया जाए। परियोजना के निर्माण की आवश्यक औपचारिकताओं को पूर्ण कर माह जून, 2021 तक कार्य अवश्य प्रारम्भ कर दिया जाए। कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण हो सके, इसे ध्यान में रखकर निर्णय लिए जाएं।

मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर गंगा एक्सप्रेस-वे प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफील्ड) परियोजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्यों के प्रारम्भ के साथ ही उनके पूर्ण होने की तिथि निश्चित होनी चाहिए। किसी भी निर्माण कार्य के लिए अनावश्यक रिवाइज्ड  एस्टीमेट प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए।

बैठक में यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने गंगा एक्सप्रेस-वे प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफील्ड) परियोजना के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण भी दिया। उन्होंने बताया कि वेस्ट यूपी को ईस्ट यूपी से जोड़ने वाले मेरठ और प्रयागराज के बीच एक 6-लेन (8-लेन तक विस्तार योग्य) पूरी तरह से नियंत्रित एक्सप्रेस-वे की योजना है। 594 किलोमीटर लम्बा एक्सप्रेस-वे एन0एच0-235 (वर्तमान में एन0एच0-334) के ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास शुरू होगा और जिला प्रयागराज में जुडापुर दाँदू गांव के पास एन0एच0-19 के बाईपास पर समाप्त होगा।


गंगा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 12 जनपदों– मेरठ, बुलन्दशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर गुजरेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए आर0ओ0डब्ल्यू0-120 मीटर चैड़ा होगा। सभी संरचनाए 8-लेन की होगी। गंगा एक्सप्रेस-वे का डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घण्टा एवं यातायात हेतु स्पीड 100 किमी प्रति घण्टा होगी।

गंगा एक्सप्रेस-वे पर 17 इण्टरचेंज प्रस्तावित हैं, जो प्रमुख मार्गों एवं शहरों से जुड़ेंगे। इस पर 09 यात्री सुविधा केन्द्र प्रस्तावित हैं, जो मुख्य मार्ग के दोनों तरफ से जुड़े होंगे। रोड सेफ्टी के दृष्टिगत गंगा एक्सप्रेस-वे पर 15 मीटर का डिप्रेस्ड मीडियन प्रस्तावित है। परियोजना की कुल सम्भावित लागत 36,410 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अध्याप्ति की सम्भावित लागत 9,255 करोड़ रुपए है। परियोजना के निर्माण हेतु 12 भाग प्रस्तावित हैं, जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गयी है।

मुख्यमंत्री ने गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को पूरी तेजी और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि परियोजना के वित्त पोषण की सभी सम्भावनाएं तलाश की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफील्ड) परियोजना को पूर्ण करने के लिए कृतसंकल्प है। आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार अपने संसाधनों से इसका निर्माण कार्य पूर्ण कराएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों का 36,000 करोड़ रुपए का ऋण सफलतापूर्वक अपने संसाधनों का उपयोग करके माफ किया। उस समय के मुकाबले वर्तमान में प्रदेश की स्थिति बहुत अच्छी है। निवेशक राज्य में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकसित हो रही आधारभूत सुविधाएं राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई प्रदान करेंगी। गंगा एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सहित निर्मित विभिन्न मार्गों से प्रदेश में देश की सबसे अच्छी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के संरेखण में पड़ने वाले सभी 12 जनपदों में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की दिशा में भी एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ ही, कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए। इसके लिए आवश्यक भूमि प्राप्त करने की प्रक्रिया भी साथ-साथ संचालित की जाए।


इस अवसर पर वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, दुग्ध विकास एवं पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव आयुष प्रशान्त त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।