आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला को अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में चौटाला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है। इसके अलावा इंडियन नैशनल लोकदल के नेता की चार संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी।
1993 से 2006 के बीच 6.09 करोड़ की संपत्ति बनाई
चौटाला पर साल 1993 से 2006 के बीच आय के अलावा अज्ञात स्रोतों से करीब 6.09 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की अदालत ने 19 मई को चौटाला को दोषी करार दिया था। इसके बाद स्पेशल जज (पीसी एक्ट) (सीबीआई) विकास ढुल ने सजा तय करने के लिए 26 मई की तारीख तय की थी। गुरुवार को सजा पर बहस पूरी हो गई थी। अदालत ने इसके बाद सजा के लिए शुक्रवार दोपहर दो बजे का वक्त तय किया था।
चौटाला पर क्या आरोप
ओमप्रकाश चौटाला पर आरोप है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने अवैध तरीके से परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ भ्रष्टाचार किया। चार्जशीट के मुताबिक चौटाला ने अचल संपत्ति (Assets) जमा की थी। 3 अप्रैल, 2006 को हरियाणा के पूर्व सीएम चौटाला पर केस दर्ज हुआ था। वहीं इस मामले की जांच के बाद चौटाला के खिलाफ 26 मार्च, 2010 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस मामले में चौटाला के साथ ही साथ बेटे अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला भी आरोपी हैं।
पोलियो और बुजुर्ग होने के आधार पर कम सजा की दलील
गुरुवार को सजा पर बहस के दौरान ओपी चौटाला हाजिर हुए और कोर्ट रूम में ही मौजूद रहे। चौटाला के वकील हर्ष शर्मा ने कम सजा के लिए मेडिकल आधार का तर्क दिया। वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल चौटाला जन्म से ही पोलियो से संक्रमित हैं। साथ ही वह आंशिक रूप से अक्षम हैं। वकील ने चौटाला का बचाव करते हुए दलील दी कि उनके ऊपर 1993-2006 के दौरान आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। यह वक्त 20 साल से ज्यादा का है। इस बीच उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग किया है।
सीबीआई ने दलील को किया नामंजूर
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अजय गुप्ता ने खराब स्वास्थ्य और उम्र के आधार पर रियायत देने के लिए चौटाला के वकील की दलीलों का विरोध किया। जांच एजेंसी ने अदालत से गुजारिश की कि चौटाला को अधिकतम सजा दी जाए क्योंकि इस केस से समाज में बड़ा संदेश जाएगा। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में आरोपी एक बड़ी हस्ती है और न्यूनतम सजा देने से गलत संदेश जाएगा। साथ ही आरोपी का पुराना इतिहास साफ नहीं है। यह दूसरा मामला है जिसमें उसे दोषी ठहराया गया है।
तिहाड़ जेल से सजा काटकर आए बाहर
पिछले साल दो जुलाई को एक पुराने केस में जेल की सजा काटकर चौटाला बाहर निकले थे। साल 2000 में हरियाणा में 3,206 टीचरों की अवैध भर्ती के लिए जेबीटी स्कैम में कुल 55 लोगों को दोषी करार दिया गया था। इन दोषियों में चौटाला के अलावा उनके तत्कालीन पॉलिटिकल एडवाइजर शेर सिंह बादशामी, तत्कालीन ओएसडी विद्याधर आईएएस और तत्कालीन प्राइमरी एजुकेशन डायरेक्टर संजीव कुमार भी शामिल थे। 2 जुलाई को सजा पूरी करने के बाद चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल से आजाद हुए थे। चौटाला ने 87 साल की उम्र में हरियाणा बोर्ड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है। इस बात को लेकर भी वह काफी चर्चा में रहे थे।
-एजेंसियां
- FlexAds Media Private Limited: Empowering Indian Youth in the Digital Age - March 21, 2024
- “Rahul Kumar Bholla: Capturing Elegance Through the Lens – A Glimpse into the Glamorous World of RB Snapper” - February 11, 2024
- BJP ने जारी की कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं के भ्रष्टाचार की सूची - December 12, 2023