पर्चा लीक मामला: पत्रकारों का प्रदर्शन, डीएम व एसपी पर कार्यवाही की मांग

पर्चा लीक मामला: पत्रकारों का प्रदर्शन, डीएम व एसपी पर कार्यवाही की मांग

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बलिया। यूपी बोर्ड के पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी पर स्‍थानीय पत्रकरों ने आक्रोश जताया। छात्रहित व जनहित में प्रशासनिक अधिकारियों को पेपर लीक की  सूचना देना ही पत्रकारों को भारी पड़ गया। बलिया के पत्रकारों को जेल भेजे  उनकी रिहाई और डीएम व एसपी पर कार्रवाई की मांग करते हुए बलिया में पत्रकारों ने आज प्रदर्शन किया। बापू भवन टाउन हाल मैदान से स्टेशन होते हुए पत्रकारों ने जुलूस निकाला।

धरना प्रदर्शन के साथ प्रदर्शनकारी डीएम का घेराव किया और DM बलिया पर FIR दर्ज करने की मांग की और हाथों पर काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन। बता दें कि पेपर लीक के मास्टरमाइंड को रविवार को पुलिस ने पकड़ लिया।

 

गौरतलब है कि बलिया के डीएम इंद्रविक्रम सिंह और एसपी राजकरन नय्यर सरकारी आदेश को भी नहीं मानते। पर्चा लीक प्रकरण में उनके कारनामे इस तथ्य को जाहिर कर रहे हैं। बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पहले 22 मार्च को जारी सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना अधिकारियों को देने पर संबंधित व्यक्ति को दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण मिलेगा, लेकिन 29-30 मार्च को जिला विद्यालय निरीक्षक व जिलाधिकारी को संस्कृत व अंग्रेजी के वायरल पर्चे भेजने पर पत्रकारों को ही गिरफ्तार कर लिया गया।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, परीक्षा खत्म होने से पहले प्रश्नपत्र या हल कॉपी को किसी माध्यम से प्रसारित करना उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 की धारा-4/10 के तहत दंडनीय अपराध है। लेकिन, ऐसे कृत्य की सूचना जनहित में अपर मुख्य सचिव, डीएम-एसपी, जिला विद्यालय निरीक्षक समेत अन्य अफसरों को देने पर यह धारा लागू नहीं होगी।

पत्रकार अजीत ओझा ने जनहित में ही जिला विद्यालय निरीक्षक व डीएम को वायरल पेपर भेजे थे। पत्रकार का मकसद छात्रहित में नकल व नकल माफिया पर अंकुश लगवाना ही था। फिर भी सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए पत्रकार अजीत ओझा समेत दो अन्य पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया।

डीएम इंद्रविक्रम सिंह और तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्र को कार्रवाई के लिए भेजे थे व्हाट्सएप संदेश। डीएम ने तो खुद फोन करके मांगे थे वायरल पर्चे फिर भी उन्‍होंने संस्कृत का प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना सरकार को नहीं दी इससे जाहिर है कि नकल माफिया को इसका लाभ मिला।

– Legend News

Dr. Bhanu Pratap Singh