मथुरा में वर्चस्व की लडाई में उलझी किसान राजनीति

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। मथुरा में किसान राजनीति किसान संगठनों के बीच वर्चस्व की लडाई में उलझ गयी है। वर्तमान में कोई किसान संगठन जनपद में इतना मजबूत नहीं रह गया है जो जिला मुख्यालय पर अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करा सके। विगत एक दशक में इक्का दुक्का मौकों को छोड दिया जाये तो आंदोलन के नाम पर किसान संगठन रस्मअदायगी भर करते रहे हैं। इसमें क्षेत्रवाद भी हावी है। किसान संगठनों की दिशाहीन राजनीति का नुकसान किसानों को उठाना पड रहा है। किसान हित के मुद्दों की बजाय स्थानीय और निजी हित किसान राजनीति पर हावी हैं। किसानों की संख्या और किसान संगठनों के अब तक रहे प्रभाव को देखते हुए ऐसे लोगों ने किसान संगठनों को कब्जाने में सफलता हासिल कर ली है जिनकी राजनीति पिट रही थी।

बल्देव और नौहझील ब्लॉक किसान राजनीति के गढ बने हुए हैं

विभिन्न कारणों से प्रशासन के निशाने पर भी ये लोग आग गये थे। किसानों की आड में राजनीति को आगे बढाने के लिए किसान संगठनों की बागडोर सम्हालने वाले इन लोगों के लिए किसानों के हित से ज्यादा वर्चस्व और निजीहित महत्वपूर्ण हो गये हैं। वहीं जिन क्षेत्रों में राजनीतिक रूप से इनकी सक्रियता या पकड है वहीं तक इनका संघर्ष भी सिमट कर रह गया है। वर्तमान समय में बल्देव और नौहझील ब्लॉक किसान राजनीति के गढ बने हुए हैं। इन्हीं दो ब्लॉक में किसान संगठनों की अधिकांश गतिविधियां होती है। यहां तक कि कानून व्यवस्था से लेकर किसान हित में होने वाले धरना प्रदर्शन भी इन्हें दो ब्लाकों में हो रहे हैं।  

अधिकारियों की जी हजूरी ने बिगाडा है असली खेल
यह किसी से छुपा नहीं है कि किसान संगठनों में वर्षों से सक्रिय और प्रदेश स्तर के कई नेता प्रशासन के साथ होने वाली किसानों की बैठकों और मुलाकातों में अधिकारियों का पक्ष लेते नजर आते हैं। किसानों के साथ होने वाली प्रशासन की मासिक बैठक इन पदाधिकारियों के लिए अधिकारियों की जी हजूरी तक सिमट कर रह गई है। यहां तक कि अधिकारियों के समाने आने वाले जटिल सवालों के जबाव में यह नेता अधिकारियों की ढाल बज जाते हैं।

पूरे जनपद में किसी संगठन की नहीं है पकड मजबूत
जनपद में कई किसान संगठन सक्रिय हैं। इनका प्रभाव क्षेत्र के हिसाब से है। किसी भी किसान संगठन की मजबूत पकड पूरे जनपद में नहीं है। कोई संगठन बल्देव ब्लाक में तो कोई नौहझील ब्लॉक में मजबूत है। किसी संगठन के चुनिंदा कार्यकर्ता राया ब्लॉक में हैं तो कोई फरह ब्लॉक से कुछ किसान एकत्रित करने की स्थिति में है। जनपद भर में मजबूत किसान संगठन की कमी लम्बे समय से किसानों को खल रही है।

भानू गुट ने बल्देव बिजली घर पर किया प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन भानू गुट ने बल्देव स्थित बिजली घर पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गर्यी। एसडीओ बल्देव तिवारी को ज्ञान सौंपा। एसडीओ ने किसानों की मांगों से अधिकारियों को अवगत कराने का अश्वासन दिया। प्रमुख मागों में बिजली की अघोषित कटौती बंद की जाए, किसानों को कम से कम 20 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाये, किसान सम्मान निधि समय से किसानों के खाते में पहुंचे शामिल थीं।

Dr. Bhanu Pratap Singh