झारखंड के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के 11 साल पुराने मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 साल क़ैद और 3 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
इस कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता भी ख़तरे में पड़ गई है. वो अभी कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं.
हालांकि, पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम) के टिकट पर लड़ा और जीता था. चुनाव के बाद जेवीएम के तत्कालीन प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर लिया.
उसी दौरान बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गए. वो मधु कोड़ा की सरकार में शिक्षा और खेल मंत्री रह चुके हैं.
सीबीआई ने बंधु तिर्की के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति का यह मामला साल 2010 के अगस्त में दर्ज किया था. उनपर आरोप है कि उन्होंने साल 2005 से 2009 के बीच अपनी आय से 6 लाख 28 हज़ार 698 रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित की थी.
हालांकि, सीबीआई ने इस मामले में क्लोज़र रिर्पोट भी दाखिल की थी और कहा था कि यह रक़म काफ़ी कम है, लिहाज़ा इस केस को नहीं चलाया जाना चाहिए. तब अदालत ने सीबीआई की दलील नहीं मानी और कहा कि क्योंकि यह रक़म उनकी आय से 30 फ़ीसदी अधिक है, लिहाज़ा केस बंद नहीं किया जा सकता.
वो इस दौरान एक बार जेल भी भेजे गए लेकिन उन्हें बाद में ज़मानत मिल गई थी. अब इसी मामले में सीबीआई के जज पी के शर्मा के कोर्ट ने उन्हें सजा सुनायी है. कोर्ट ने कहा है कि अगर उन्होंने जुर्माने की रक़म अदा नहीं की, तो उनकी सज़ा 6 महीने और बढ़ा दी जाएगी.
-एजेंसियां
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