कॉलेज प्रबंधतंत्र ने तीन माह की ग्रांट रोक रखी है
कृषि अनुसंधान परिषद ने दो माह की ग्रांट दी नहीं है
प्रभारी ने बात नहीं की, प्रिंसिपल ने नहीं उठाया फोन
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय (आरबीएस कॉलेज) के बिचपुरी केंद्र पर कृषि विज्ञान केंद्र है। इसका काम कृषि से संबंधि शोध करना, किसानों को जानकारी देना और कार्यक्रम कराना है। इसका कारण यह है कि पिछले 5 माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। हालत यह है कि अब दुकानदारों ने भी उधार देना बंद कर दिया है।
कृषि विज्ञान केंद्र में प्रभारी डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान समेत 16 कर्मचारी हैं। पांच माह से सब चुपचाप काम कर रहे थे। उधार लेकर काम चला रहे थे। छठा महीना शुरू हो गया और वेतन का कोई अता-पता नहीं है। अपने परिचितों और दुकानदारों से उधार लेकर काम चला रहे थे। आखिर कोई कब तक मदद करेगा? परेशान कर्मचारी अपना दुखड़ा किससे रोएं?
कृषि विज्ञान केंद्र को ग्रांट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा दी जती है। दो महीने की ग्रांट नहीं आई है। तीन महीने की ग्रांट आई है तो इसे कॉलेज प्रबंधतंत्र दबाकर बैठ गया है। कुछ विवाद के चलते ग्रांट जारी नहीं की जा रही है।
हमने इस बारे में कृषि विज्ञान केंद्र में प्रभारी डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान को फोन किया तो उन्होंने कहा कि आप प्रिंसिपल सर से बात कीजिए। हमने फिर आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विजय श्रीवास्तव को फोन किया। उन्होंने न तो फोन रिसीव किया और न ही कोई प्रत्युत्तर दिया।
केंद्र पर 20 हेक्टेअर भूमि
कृषि विज्ञान केंद्र, बिचपुरी, आगरा, आर.बी.एस. के बिचपुरी परिसर में 01 दिसंबर 2002 से कार्य कर रहा है। कॉलेज, आगरा, भोजन, फाइबर, ईंधन और पशुधन आबादी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कृषि उत्पादन के स्तर को बनाए रखने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करता है। कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महाविद्यालय द्वारा विभिन्न विषयों के कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी। आर.बी.एस. से हस्तांतरित कुल भूमि कॉलेज कृषि फार्म, बिचपुरी से केवीके तक 20.00 हेक्टेअर है।