Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। सोमवार से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विद्युतकर्मी अनिश्चित कालीन कामबंद हडताल पर चले गये। उर्जा मंत्री के गृहजनपद में हडताली विद्युतकर्मियों की अभूतपूर्व एकजुटता देखने को मिली। हडताल से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तकत झौंक दी है। इसकी तैयारी पहले से ही कर ली गई थी। प्रमुख सचिव की ओर से विभागीय आलाधिकारियों के अलावा जिला प्रशासन को भी हडताल से निपटने के लिए दिशानिर्देश मिल गये थे। लेखपालों को उनके मूल काम से हटा कर विद्युत स्टेशन, सब स्टेशन और फीडरों पर तैनात कर दिया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल भी मुस्तैद रहा। विभाग के आलाधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी भी लगातार पलपल की खबर लेते रहे। कैंट बिजलीघर पर विद्युतकर्मी धरने पर बैठे हैं। संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन को सफल बनाने के लिए लगातार यूनियन के पदाधिकारियों की ओर से कर्मचारियों को प्रेरित और उत्तेजित किया जा रहा है, जिससे आंदोलन को किसी परिणिती तक पहुंचाया जा सके।
अचानक लेखपालों को एसडीएम ने ड्यूटी पर भेजा है, संविदाकर्मी काम कर रहे हैं
वहीं उपभोक्ता और दूरदराज से आने वाले ग्रामीण हडताल के चलते परेशान रहे। बिजल विभाग के दफ्तरों से उपभोक्ता निराश होकर लौटे कैंट स्थित बिजली घर पर आये उपभोक्ता धनगांव निवासी दीवान सिंह ने कहा कि बिजली के काम से आया हूं, काम नहीं हुआ। किसी से बात ही नहीं हो पाई है। खेती करते हैं, किसान को एक एक दिन भारी पड रहा है। हडताल का समर्थन हम कैसे कर सकते हैं। हम लोग पैट्रोल फूंक कर आये हैं। वहीं तहसील सदर में तैनात लेखपाल दलवीर सिंह ने बताया कि अचानक एसडीएम ने ड्यूटी पर भेजा है। यह जानने के लिए कि विद्युत विभाग का कार्य बंद हैं या चालू हैं, अगर बंद हैं तो किस कारण से है। संविदाकर्मी काम कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारी हडताल पर है। ज्यादा इन लोगों से परिचित नहीं हूं। काम सुचारू रूप से चल रहा है। अगर किसी तरह का कोई फॉल्ट होता है या और किसी तरह की कोई दिक्कत होती है तो वह इसकी रिपोर्ट एसडीएम को करेंगे और कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहाकि यह स्वभाविक है कि यहां ड्यूटी लगाये जाने से किसान परेशान रहेंगे। घरोंनी का काम भी चल रहा है वह भी प्रभावित होगा। इस काम के लिए किसी तरह की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है, रात को आदेश मिला कि सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक बिजली घर पर रहेंगे। रात आठ बजे से दूसरे लेखपाल आ जाएंगे। ज्ञात रहे कि पराली जलाने से रोकने के लिए भी लेखपालों की ड्यूटी लगाई गयी है।
सरकार घाटे का जो उदाहरण देकर निजीकरण को थोप रही है यह बिल्कुल गलत है
एसडीओ-अंशुल शर्मा ने बताया पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में निजीकरण का जो फैसला सरकार ने किया है हम उसके विरोध में हैं। सरकार घाटे का जो उदाहरण देकर निजीकरण को थोप रही है यह बिल्कुल गलत है। केवल और केवल शासन की गलत नीतियां इस घाटे का कारण है। सरकार को हम बताना चाहते हैं कि हमारा कोई कर्मचारी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यह अनिश्चितकालीन है, जैसे जैसे संयुक्त संघर्ष समिति का निर्देश मिलेगा हम उसका पालन करेंगे।
जब घर में कोई परेशानी होती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम घर को बेच दें उपखण्ड अधिकारी एवं सचिव अभियंता संघ सचिन द्ववेदी ने बताया संयुक्त संघर्ष समित के आह्वान पर हम आज की जो लडाई लडी जा रही है वह पूर्वांचल के निजीकरण के विरोध में है। जब घर में कोई परेशानी होती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम घर को बेच दें, परेशानी का हल निकला जाता है। प्रबंधन को इस का मिल बैठकर समाधान निकालना होगा। संयुक्त संघर्ष समिति को जो भी फैसला होगा मथुरा उसका पूरा पालन करेगा।
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