Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) के आदेश के बाद मंगलवार को डॉक्टर कफील की रिहाई हो गई। उन्हें देर रात मथुरा जेल से रिहा किया गया। करीब छह माह पूर्व गोरखपुर के डॉ. कफील को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में भेजा गया था।
जेल से निकले के बाद डॉ. कफील ने भी हाथ जोड़कर सबको धन्यवाद दिया
मंगलवार देर रात डीएम अलीगढ़ ने मेल पर डॉ. कफील को रिहा करने के आदेश जेल प्रशासन को भेजे। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। इस दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के चेयरमैन शाहनवाज आलम और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर उनके स्वागत को बाहर मौजूद रहे। जेल से निकले के बाद डॉ. कफील ने भी हाथ जोड़कर सबको धन्यवाद दिया। इधर, वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि उनके पास शाम सात बजे तक रिहाई का कोई अधिकृत आदेश नहीं आया था इस लिए देर रात डॉ. कफील की रिहाई हो सकी।
जेल में यातनाएं दी गईं। पांच दिन तक बिना खाना पानी दिये रखा गया
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एन आर सी) के विरोध में आपत्तिजनक भाषण देने के आरोपी बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के निलंबित डॉक्टर कफील पर रासुका के तहत की गई कार्रवाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया है। डा.कफील ने जेल से बाहर निकले के बाद मीडिया से बात करते हुए जेल प्रशासन और एसटीएफ को लेकर टिप्पणी की, डा. कफील ने कहाकि इस जेल में उन्हें यातनाएं दी गईं। पांच दिन तक बिना खाना पानी दिये उन्हें रखा गया। उन्होंने कहा कि मैं एसटीएफ को धन्यवाद दूंगा कि मुम्बई से लाते हुए उन्हेंने मेरा एनकाउंटर नहीं किया।
कफील ने कहा यूपी सरकार उन्हें किसी और मामले में फंसा सकती है
करीब आठ माह पूर्व गोरखपुर के डॉ. कफील को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल में बंद कर दिया गया था। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई हुई थी। इसके खिलाफ उनके परिजन हाईकोर्ट पहुंचे थे। रिहाई होने के बाद डॉ. कफील ने हाईकोर्ट का धन्यवाद किया। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए यूपी पुलिस पर तंज कसा। डॉ. कफील ने कहा कि सभी भारतवासियों का धन्यवाद, जिन्होंने मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि मैं हाईकोर्ट का शुक्रगुजार हूं, जिसने इतना अच्छा आदेश दिया। हाईकोर्ट ने आदेश में लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ड्रामा करके एक झूठा और बेबुनियाद केस बनाया। कफील ने आशंका जताई है कि यूपी सरकार उन्हें किसी और मामले में फंसा सकती है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर छात्रों के बीच अपना संबोधन दिया था
12 दिसंबर 2019 शाम को 46 वर्षीय डॉ. कफील ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर छात्रों के बीच अपना संबोधन दिया था। इसके बाद एएमयू में हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया था। दिसंबर महीने के अंत में थाना सिविल लाइन में डॉ. कफील के खिलाफ लोक व्यवस्था भंग करने, भड़काऊ संबोधन करने, कानून और व्यवस्था भंग करने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था ।
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