आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 91वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति के द्वारा 77 मेधावियों को 117 मेडल प्रदान किए गए। इसमें 76 छात्राओं को मिले। मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे खिले हुए थे। सर्वाधिक मेडल एसएन मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र शिखर को 11 मिले। इनमें 10 स्वर्ण और एक रजत शामिल था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षकों व माता-पिता को दिया।
शिवाजी मंडप में आयोजित दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि इंडिया हैबिटेट सेंटर के निदेशक प्रो. केजी सुरेश रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय व राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने शिरकत की।
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के परिसर में आने के बाद एनसीसी कैडेट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद वह शिवाजी मंडप के सभागार में पहुंचीं और कार्यक्रम को शुरू करने की अनुमति दी।
कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 82 हजार से ज्यादा डिग्रियां दी जा रही हैं। इसके साथ ही 144 पीएचडी डिग्रियां भी दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को नैक से जो ए प्लस ग्रेड मिला है वह टीमवर्क का नतीजा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल समर्थ पोर्टल से प्रवेश लिए गए हैं। खेलो इंडिया के लिए 13 खिलाड़ियों का चयन होने की भी बात उन्होंने बताई।
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमें सिर्फ यूनिवर्सिटी के दायरे में रहकर काम नहीं करना है। हर छात्र, शिक्षक बाहर निकले, जहां कुछ नहीं है वहां तक पहुंचे। अध्ययन तो है ही लेकिन समाज की सेवा भी एक अध्ययन है। सफाई वाले के बच्चे को क्या सफाई वाला ही बनना चाहिए? इस सोच को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में ‘खेले गुजरात’ हुआ था, जिसके बाद अब ‘खेलो इंडिया हुआ है। हर बच्चे में अलग प्रतिभा होती है। प्रतिभा को निकालने के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजभवन के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अब बांसुरी भी सीख रहे हैं, स्केटिंग भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हम रिसर्च में पीछे हैं लेकिन अब मैंने आदेश दिए हैं कि छात्र-शिक्षकों को रिसर्च के लिए एक लाख तक दिए जाएं। सरकार की ग्रांट वापस नहीं जानी चाहिए। इसके लिए बदलाव जरूरी है। रिसर्च पर फोकस करना होगा। समर्थ पोर्टल से 200 करोड़ रुपए बचे हैं। यूनिवर्सिटी में पेपर बदलना, बारकोड बदलना जैसे काम बंद करने होंगे। ऐसे देश विकसित नहीं होगा। फर्जी डिग्री लेकर घूमने से देश को लाभ नहीं मिलेगा। यूनिवर्सिटी में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें बंद करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि 10 साल का विजन होना चाहिए।
जीवन को सकारात्मक रखें, मूर्खों से बहस न करें- केजी सुरेश
मुख्य अतिथि प्रोफेसर केजी सुरेश ने कहा कि आज यहां छात्रों को मेडल लेते हुए मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश यहां सार्थक हुआ है। बाबा साहब के सामने बहुत चुनौतियां थीं, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई बंद नहीं की। उन्होंने संविधान लिखा। इसी तरह देने की प्रवृत्ति को खत्म नहीं करना चाहिए। शिक्षा हो या धन, उसे समाज में देने से ही समाज का कल्याण होता है। जीवन को सकारात्मक रखें। मूर्खों से कभी बहस ना करें। सब कुछ नकारात्मक नहीं होता है। उन्होंने यह भी कहा कि आपको तय करना है कि नौकरी के लिए नहीं बल्कि नौकरी देने लायक बनना है।
भविष्य का मॉडल बनें छात्र-योगेंद्र उपाध्याय
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने छात्रों से कहा कि आज आपने जो मेडल प्राप्त किए हैं, भविष्य में आपको मॉडल बनना है। प्रयास तो सभी करते हैं, कुछ सफल हो जाते हैं, कुछ को सफलता नहीं मिलती। इसका मतलब यह नहीं कि प्रयास को रोक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह के बाद लक्ष्य निर्धारित करने का अवसर आया है। व्यक्तिगत हित में राष्ट्रीय हित जोड़िए।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप हमें चुनौती दे रहे हैं, मोदी जी ने चुनौती को स्वीकार किया है। हम पर टैक्स लगाए जा रहे हैं, हमें स्वदेशी अपनाना होगा। आगरा को लेकर उन्होंने कहा कि आगरा चारों तरफ से शिव मंदिरों से घिरा हुआ है। शहर के बीच-बीच में महादेव विराजमान हैं। इसलिए आगरा को महादेव का आशीर्वाद है।
डिग्री कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि जिम्मेदारी है-रजनी तिवारी
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है। शिक्षा, नवाचार, डिजिटल तकनीकी में भारत आगे बढ़ रहा है। एनईपी ने नए द्वार खोले हैं। शिक्षा केवल नौकरी पाने का जरिया नहीं बल्कि नवाचार और देश प्रेम का रास्ता है। छात्र राष्ट्र के विकास में सहयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा प्रदेश शिक्षा का हब रहा है।
इधर दीक्षांत समारोह में 10 पुस्तकों का भी विमोचन हुआ। वहीं कुछ बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। 100 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किट भी वितरित की गई।
छात्र नेताओं पर रखी गई नजर
एनएसयूआई और सपा छात्र सभा के द्वारा दीक्षांत समारोह के विरोध के ऐलान पर छात्र नेताओं पर पुलिस ने पैनी नजर रखी। कुलाधिपति के आने से पहले ही खंदारी चौराहे पर बैरियर लगा दिए गए। परिसर के बाहर मुख्य द्वारों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। एलआईयू भी पूरी तरह सक्रिय रही। कुछ छात्र नेताओं को नजरबंद भी किया गया तो कुछ को गिरफ्तार। बता दें कि दोनों संगठनों का कहना है कि अधूरे परिणामों और विभिन्न अव्यवस्थाओं के बीच यह समारोह आयोजित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के अधिकारी अपने नंबर बढ़ाने के लिए इसे आयोजित कर रहे हैं।
करोड़ों की लागत से बने शिवाजी मंडप के एसी फेल, गर्मी से सभी रहे बेहाल
शिवाजी मंडप के अंदर दीक्षांत समारोह के दौरान एसी ने काम करना बंद कर दिया। सभी एसी खराब थे। इसके बाद गर्मी ने छात्रों और सभागार में बैठे लोगों को बेहाल कर दिया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और शिक्षकों ने पहले एसी क्यों चेक नहीं कराया, इस बात को लेकर सवाल खड़े होने लगे। इसके साथ ही यह भी सवाल खड़े हुए कि यह करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुआ है। इसे तैयार हुए भी ज्यादा समय नहीं हुआ और अभी से एसी खराब हो गए। इसी शिवाजी मंडप की विजिलेंस में भी शिकायत हुई है कि इसे भ्रष्टाचार के लिए बनाया गया है। विश्वविद्यालय में पहले से कई ऑडिटोरियम थे, फिर भी इसे बनाया गया। यह 12 करोड़ रुपए में बनना था लेकिन 25 से 30 करोड़ रुपए इसमें लग गए।
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