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यमुना की दुर्दशा से व्यथित डॉ. हरेन्द्र गुप्ता ने लिया संन्यास, नंगे पांव चलेंगे

लेख

रिवर कनेक्ट अभियान के बृज खंडेलवाल नौ वर्ष से लगातार करवा रहे हैं यमुना आरती

वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम के निर्देशन में हो चुके हैं कई यज्ञ

इसके बाद भी समस्या वहीं की वहीं है, कोई जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहा है

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Live Story time. यमुना रिवर कनेक्ट अभियान सूखी पड़ी पौराणिक काल की यमुना नदी में अविरल जल-धारा और बैराज की मांग को लेकर प्रतिदिन यमुना आरती और विभिन्न अवसरों पर यज्ञों के माध्यम से एक शांतिपूर्ण आंदोलन पिछले 09 वर्षों से लगातार कर रही है। 01 अप्रैल 2014 को यमुना रिवर कनेक्ट अभियान का नेतृत्व यमुना रिवर कनेक्ट के चीफ IANS के वरिष्ठ पत्रकार/प्रमुख समाज सेवी एवं पर्यावरणविद बृज खंडेलवाल द्वारा आरम्भ किया गया था। 09 अप्रैल 2023 को व्यू पॉइंट पार्क यमुना नदी के तट पर रिवर कनेक्ट अभियान का वार्षिक स्थापना दिवस आगरा में यज्ञ के साथ सम्पन्न हुआ। यज्ञ के बाद आरती स्थल पर एक गोष्टी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्र के प्रमुख वक्ताओं ने यमुना नदी की दुर्दशा को दूर करने के सन्दर्भ में अपने अपने विचार व्यक्त किए। केंद्र और उत्तरप्रदेश की सरकार से दैवीय यमुना नदी की दुर्दशा को दूर करने की पुरजोर मांग की गयी।

यमुना रिवर कनेक्ट अभियान से मार्च 2017 से में जुड़े थे वरिष्ठ पत्रकार बृज खण्डेलवाल के आग्रह पर और यमुना आरती स्थल पर यज्ञों का शुभारंभ भी मार्च 2017 से ही प्रथम बार वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम के दिशा निर्देशन में ही आरम्भ हुआ था। उन्होंने जब प्रथम बार आगरा यमुना आरती स्थल पर अपने सिद्ध विशेष दैवीय शक्तियों युक्त यज्ञ को सम्पन्न किया था तब उसकी गूंज पूरी दुनिया में अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहुंची थी। उनके दिशा निर्देशन में किये गए यमुना आरती स्थल पर सांकेतिक बैराज के शुभारंभ एवम प्रथम दैवीय शक्तियुक्त यज्ञ को ब्रिटेन के सबसे पुराने इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया ‘द गार्जियन’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मार्च 2017 में यमुना आरती स्थल के उनके द्वारा किए गए प्रथम यज्ञ को अब तक 87 लाख से ऊपर व्यक्ति सम्पूर्ण विश्व में यमुना की दुर्दशा को यज्ञ के माध्यम से देख चुके हैं।

मई 12 मई 2017 को अमेरिका और नार्थ कोरिया में सम्भावित तृतीय विश्व युद्ध के उस समय के खतरे को टालने के लिए पंडित प्रमोद गौतम के निर्देशन में विश्व शांति यज्ञ का आयोजन यमुना आरती स्थल पर किया गया था, जिसको पूरी दुनिया की राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने IANS न्यूज एजेंसी के माध्यम से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। वर्ष 2017 में ही 20 सितंबर को मोदी के लिए उनकी जन्मकुंडली के अनुसार 6 माह के लिए अकाल मृत्यु के संभावित खतरे को टालने के लिए भी एक विशेष दैवीय शक्तियों युक्त यज्ञ पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि को यमुना आरती स्थल पर किया गया था। प्रधानमंत्री मोदीजी पर 21 सितंबर 2017 से लेकर मई 2018 तक उनके जन्मकुंडली के अनुसार नक्सलियों के द्वारा उनकी जान का सम्भावित खतरा बना हुआ था। उसको टालने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया गया था। वह यज्ञ सफल हुआ और मोदीजी पर उस समय अकाल मृत्यु का जो खतरा टल गया। फरवरी 2018 में पुणे में नक्सलियों के कुछ गुप्त ईमेल भारत सरकार को प्राप्त हुए थे जिसमें स्पष्ट रूप से खुलासा हुआ था कि कुछ नक्सली मोदीजी को मानव बम के माध्यम से उनकी हत्या करना चाहते थे।

इसके अलावा वर्ष 2020 एवं 2021 में कोरोना प्रकोप को रोकने के लिए भी कई विशेष दैवीय शक्तियों युक्त यज्ञों का आयोजन यमुना आरती स्थल पर किये गए हैं। इसलिए वर्तमान की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को यमुना नदी की दुर्दशा को दूर करने के लिए सख्त कदम उठाने की प्रबल आवश्यकता है।

रिवर कनेक्ट अभियान के चीफ वरिष्ठ पत्रकार एवम पर्यावरणविद बृज खण्डेलवाल ने यज्ञ के बाद गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सितंबर 2017 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रबर चेक डैम बनाने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक इस सन्दर्भ में किसी भी प्रकार की गम्भीरता नहीं दिखाई गई है। यमुना नदी में गंदगी का आलम वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की सरकार बनने के समय भी था और एक बार पुनः उत्तर प्रदेश में भाजपा को स्पष्ट जनादेश के प्राप्त होने के बाद भी है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि बैराज की सितंबर 2017 में योगीजी की घोषणा के बाद भी इस सन्दर्भ में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आ पाया है। आगरा मेट्रो रेल परियोजना कार्य बहुत तेजी से चल रहा है, जबकि यमुना की दुर्दशा को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार ने कोई ठोस सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।

गोष्ठी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तरप्रदेश के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र गुप्ता ने कहा कि यमुना रिवर कनेक्ट अभियान से वे वर्ष 2014 से जुड़े हुए हैं लेकिन अभी तक यमुना नदी की दुर्दशा को दूर करने का किसी भी प्रकार का सकारात्मक कदम उत्तर प्रदेश और केंद्र की सरकार ने नहीं उठाया है। इसलिए उन्होंने पिछले एक वर्ष से सन्यास ले लिया है और नगें पैर चलने का प्रण ले लिया है। वो तब तक संन्यासी वाले गेरुए वस्त्र में रहेंगे जब तक आगरा की यमुना नदी की दुर्दशा दूर नहीं हो जाएगी।

गोष्ठी में पर्यावरणविद डॉक्टर देवाशीष भट्टाचार्य ने भी यमुना की दुर्दशा को दूर करने के अपने सुझाव प्रस्तुत किये और कहा कि वो इन सुझावों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। यमुना की दुर्दशा को दूर करने के सन्दर्भ में कोई समाधान निकलना ही चाहिए।

यमुना रिवर कनेक्ट अभियान के वार्षिक स्थापना दिवस के यज्ञ के कार्यक्रम के आयोजक पंडित जगन प्रसाद तेहरिया रहे। इसके साथ यज्ञ के कार्यक्रम में श्रीमती पदमिनी अय्यर, श्रीमती मुक्ता गुप्ता, एडवोकेट राहुल राज, चतुर्भुज तिवारी, सत्यम शर्मा, सुधीर गुप्ता, महिला भाजपा नेता निधि पाठक, कथक नृत्य संस्था की प्रमुख ज्योति खंडेलवाल, शशिकांत उपाध्याय, दीपक राजपूत, शाहतोष गौतम, रिमझिम वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे।

Dr. Bhanu Pratap Singh