Agra, Uttar Pradesh, India. जनश्रुति है कि तुलसीदास को जब अकबर ने आगरा किला में कैद कर लिया तो उन्होंने हनुमान चालासी लिखी। मानस मर्मज्ञ संत विजय कौशल महाराज से सवाल पूछा गया- क्या तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा आगरा किला में लिखी थी, तो उन्होंने सटीक उत्तर दिया।
संत विजय कौशल जी श्रीराम कथा के मुख्य यजमान मुरारी प्रसाद अग्रवाल (एकता बिल्डर्स) के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं के शंकाओं का समाधान कर रहे थे। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत प्रचार किया जा रहा है कि तुलसीदास ने आगरा किला की कैद में हनुमान चालीसा लिखी थी। तुलसीदास ने काशी में ही हनुमान चालीसा लिख दी थी। उसके बाद अकबर ने उन्हें आगरा किला में कैद कर दिया। जब काफी दिन हो गए तो उन्होंने जेल में तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिससे अकबर के दरबार और जेल में हजारों बंदर एकत्र हो गए थे। उन्होंने जर्बदस्त हंगामा किया। अकबर ने बीरबल को बुलाया तो उन्होंने बताया कि यह सब चमत्कार हनुमान जी का है। जब तक तुलसीदास को जेल से रिहा नहीं करोगे, तब तक यह उत्पात मचाते रहेंगे। इस पर अकबर ने तुलसीदास जी को रिहा कर दिया और बंदरों का उपद्रव बंद हो गया था। इस चमत्कार से अकबर भी हतप्रभ रह गया था।
विजय कौशल जी महाराज से इसी प्रकार अनेक प्रश्न किए गए, जिनके उन्होंने समुचित उत्तर दिए थे। प्रारंभ में गोविंद प्रसाद अग्रवाल, माधव प्रसाद अग्रवाल, मुरारी प्रसाद अग्रवाल- मीरा अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने संत विजय कौशल जी का शाल ओढ़ा कर अभिनंदन किया।
इस मौके पर विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, लक्ष्मण गोयल, राधारानी, रंगेश त्यागी, राकेश आकांक्षा, विनोद गोयल, हरीशचंद्र आदि ने महाराज जी का स्वागत किया।
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