कमल पुष्पों से श्रंगारित भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालू, हरिनाम संकीर्तन से गूंजा मंदिर परिसर

RELIGION/ CULTURE

आगरा। श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन) में शनिवार को पाण्डव निर्जला एकादशी और कमल मनोरथ महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। मंदिर प्रांगण में कमल पुष्पों की अलौकिक सज्जा, जगमगाती रोशनी और भक्तों के भावविभोर नृत्य-गान ने पूरे वातावरण को अध्यात्ममय बना दिया।

तपती गर्मी में भी भक्तों का उत्साह कम नहीं था। इस अवसर पर भगवान श्रीजगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम को कमल और मोहरे के फूलों से श्रृंगारित किया गया। गुलाबी रंग की पोशाक में आराध्य विग्रह जब मंदिर मंडप में विराजमान हुए, तो श्रद्धालु अपलक दर्शन करते रहे। कमल पुष्पों की छटा और मनोहारी सज्जा ने भक्तों के हृदय को भक्ति से सराबोर कर दिया।

शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर परिसर मृदंग, मंजीरे और ढोलक की ताल पर हरे राम, हरे कृष्णा के संकीर्तन से गूंजता रहा। श्रद्धालु झूमते, नाचते हुए भगवान के नाम का कीर्तन करते रहे। यह संकीर्तन केवल संगीत नहीं, अपितु हरिनाम की शक्ति का अनुभव था, जिसने भक्तों को आंतरिक शांति और आनंद प्रदान किया।

मंदिर अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने सुबह श्रद्धालुओं को पाण्डव निर्जला एकादशी का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि यह वर्ष की सबसे श्रेष्ठ एकादशी है। स्वयं पाण्डव भीम ने इसका पालन किया था। इस व्रत से सभी एकादशियों का पुण्यफल प्राप्त होता है।

महामहोत्सव में जहां एक ओर भक्त मंदिर में उपस्थित थे, वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर भगवद्गीता के 18 अध्यायों का पाठ कर रहे थे। टेक्नोलॉजी और आस्था का यह समन्वय भक्ति को वैश्विक विस्तार दे रहा है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से: तरुण शर्मा, वंदना शर्मा, शाश्वत नंदलाल, शैलेश प्रभु, सुशील ग्रवाल, नितेश अग्रवाल, देवकेशव प्रभु, हिमांशु, अदिति गौरांगी, राजेश उपाध्याय आदि का उल्लेखनीय सहयोग रहा।

Dr. Bhanu Pratap Singh