लखनऊ में 30.86% और गाजियाबाद में 40.23% वोटरों पर संकट, 2.98 करोड़ फॉर्म अब भी जमा नहीं, बुंदेलखंड राहत की स्थिति में

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची में बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रदेश के कई बड़े जिलों में लाखों मतदाताओं के नाम हटने की स्थिति बन गई है। राजधानी लखनऊ और गाजियाबाद जैसे शहरी जिलों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। चुनाव आयोग ने हालात को देखते हुए गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर तक बढ़ा दी है।

लखनऊ और गाजियाबाद में सबसे ज्यादा नाम कटने की आशंका

राजधानी लखनऊ में 12.32 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की संभावना है, जो कुल मतदाताओं का 30.86 प्रतिशत है। वहीं गाजियाबाद में 11.41 लाख मतदाता यानी 40.23 प्रतिशत नाम सूची से बाहर हो सकते हैं। शहरी इलाकों में स्थायी रूप से अनुपस्थित, स्थानांतरित और डुप्लीकेट वोटरों की संख्या अधिक पाई जा रही है।

अब भी 2.98 करोड़ गणना प्रपत्र नहीं हो सके जमा

आयोग के तमाम प्रयासों के बावजूद पूरे प्रदेश में अब तक 2.98 करोड़ मतदाताओं के गणना प्रपत्र संग्रहीत नहीं हो पाए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एसआईआर के तहत फॉर्म वितरण और जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो सके।

आयोग की रिपोर्ट: 19.31 प्रतिशत फॉर्म असंग्रहीत

12 दिसंबर की शाम 4 बजे तक की आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 19.31 प्रतिशत गणना प्रपत्र असंग्रहीत श्रेणी में हैं, जिनकी संख्या 2,98,19,053 है। नवंबर में फ्रीज की गई मतदाता सूचियों के अनुसार प्रदेश में कुल 15,44,30,092 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें से 80.69 प्रतिशत के फॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं।

नाम कटने में टॉप-20 जिले

बलरामपुर में 26.72 प्रतिशत, कानपुर नगर में 25.62 प्रतिशत, प्रयागराज में 25.48 प्रतिशत, गौतमबुद्धनगर में 25.32 प्रतिशत, मेरठ में 25.26 प्रतिशत, आगरा में 23.65 प्रतिशत, शाहजहांपुर में 23.16 प्रतिशत, हापुड़ में 22.67 प्रतिशत, कन्नौज में 22.19 प्रतिशत, फर्रूखाबाद में 21.72 प्रतिशत, बरेली में 21.33 प्रतिशत, बदायूं में 21.08 प्रतिशत, बहराइच में 20.91 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर में 20.65 प्रतिशत, संभल में 20.61 प्रतिशत, संतकबीरनगर में 20.36 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 20.09 प्रतिशत और सीतापुर में 20 प्रतिशत नाम कटने की स्थिति है।

बुंदेलखंड में स्थिति बेहतर, ललितपुर सबसे आगे

प्रदेश में सबसे कम नाम ललितपुर जिले में कटने की संभावना है, जहां यह आंकड़ा केवल 9.28 प्रतिशत है। हमीरपुर में 11.05 प्रतिशत, महोबा में 12.74 प्रतिशत, बांदा में 12.82 प्रतिशत, अमरोहा में 13.53 प्रतिशत, पीलीभीत में 13.90 प्रतिशत, अम्बेडकरनगर और झांसी में 14.04 प्रतिशत, चित्रकूट में 14.25 प्रतिशत और गाजीपुर में 14.54 प्रतिशत नाम हटाए जाने की आशंका है। गणना प्रपत्र जमा होने के लिहाज से बुंदेलखंड क्षेत्र को बेहतर स्थिति में माना जा रहा है।

आयोग की अपील: समय पर फॉर्म जमा करें मतदाता

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय तक गणना प्रपत्र जमा नहीं करने वाले मतदाताओं के नाम अंतिम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे समय रहते अपने दस्तावेज और गणना प्रपत्र जमा कर अपना नाम मतदाता सूची में सुरक्षित रखें।

Dr. Bhanu Pratap Singh