2022 के पहले प्रक्षेपण को तैयार है ISRO, EOS-04 को भेजने की उलटी गिनती शुरू

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के 2022 के पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत पीएसएलवी-सी 52 (PSLV-C52) के जरिए धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह EOS-04 को कक्षा में भेजने के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार सुबह शुरू हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी ले जाएगा। इसका प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सोमवार को सुबह 05:59 बजे निर्धारित है। इसरो ने एक ट्वीट में कहा क‍ि पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन: प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे 30 मिनट की उलटी गिनती की प्रक्रिया आज सुबह 04:29 बजे शुरू हो गई है।
कृषि क्षेत्र में आ सकता है बड़ा बदलाव
ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी ले जाएगा, जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है। इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है। इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है।
दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है। इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा। यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान होगी और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ ‘पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन’ का उपयोग करते हुए 23वां मिशन होगा।
पृथ्वी की सतह का सटीक तापमान
सैटेलाइट आईएनएस-2टीडी (INS-2TD) उपग्रह इसरो और भूटान का संयुक्त उपग्रह है। इसमें थर्मल इमैजनिंग कैमरा और पेलोड्स लगे हुए हैं। यह सैटेलाइट पृथ्वी की सतह का तापमान सटीक तरीके से मापेगा। इसके अलावा आद्र भूमि, झील, जंगल, फसल आदि का बेहतर ढंग से आकलन कर सकेगा। पीएसएलवी से इसरो की यह 54वीं उड़ान होगी और PSLV-XL के साथ यह इसरो का 23वां मिशन होगा।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh