taj press club agra hindi journalism day

हिंदी पत्रकारिता के समक्ष ए.आई., चैट जीपीटी और मशीन लर्निंग की चुनौती, Google हमारा दुश्मन नम्बर एकः अजय उपाध्याय

REGIONAL

ताज प्रेस क्लब द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगष्ठी में दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय ने दिखाई भविष्य की राह

चेतना की संवाहक है पत्रकारिता, रिसर्च कॉलम भी प्रकाशित किया जाएः प्रो. आशु रानी, कुलपति

32 साल बाद भी हिंदी पत्रकारिता की दशा वही हैः भूपेन्द्र कुमार, वरिष्ठ स्थानीय संपादक, अमर उजाला आगरा

युवा पीढ़ी अखबार पढ़ना नहीं चाहती है क्योंकि उसकी रुचि की सामग्री नहीं हैः सुनयन शर्मा
आगरा के वरिष्ठ पत्रकार, फोटो जर्नलिस्ट और पत्रकार-पार्षदों का किया गया सम्मान

Live Story Time

Agra, Uttar Pradesh, India. दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार अमर उजाला और हिंदुस्तान के पूर्व संपादक अजय उपाध्याय का कहना है कि हिंदी पत्रकारिता के सामने तीन बड़ी चुनौतियां हैं और ये हैं कृत्रिम बौद्धिकता यानी ए.आई., चैट जीपीटी और मशीन लर्निंग। विज्ञापन की बात करें तो हमारा सबसे बड़ा दुश्मन गूगल है।

पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ी चुनौती तकनीकी परिवर्तन की

श्री उपाध्याय ताज प्रेस क्लब आगरा द्वारा घटिया आजम खान स्थित कार्यालय में 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी और सम्मान समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। विषय था- वर्तमान परिदृश्य में हिंदी पत्रकारिता और चुनौतियां। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पत्रकारिता कहीं नहीं जा रही है और न ही किसी संकट से गुजर रही है। पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है, बस हमें तकनीक का गुलाम नहीं बनना है। पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ी चुनौती तकनीकी परिवर्तन की है। बदलते युग में पत्रकारिता कैसे बदल रही है, यह देखना होगा। श्री उपाध्याय ने 1826 में जुगल किशोर शर्मा द्वारा प्रकाशित प्रथम हिंदी अखबार उदंत मार्तंड का हवाला देते हुए कहा कहानी रोचक होगी, कथ्य मजबूत होगा, दिल को छू लेने वाला होगा, आंखों में आंसू ला देने वाला होगा या दिल को दुखाने वाला होगा तो वह चलेगा।

ज्ञान दर्शन में स्व की भावना कंप्यूटर में कहीं नहीं आ सकती

श्री उपाध्याय ने कहा कि हम जो सच्चा लेखन यानी पत्रकारिता कर रहे हैं इसे ए.आई. या मशीन लर्निंग नहीं कर पाएगा। कंप्यूटर इंसान को कितना रिप्लेस करेगा, उस पर चर्चा हो रही है। हमारे ज्ञान दर्शन में स्व की भावना कंप्यूटर में कहीं नहीं आ सकती लेकिन विज्ञान में सब कुछ संभव है। अगर आप कंप्यूटर के मास्टर हैं तो बदलते युग में बहुत अच्छा है।

ajay upadhyay
संबोधित करते अमर उजाला और हिन्दुस्तान के पूर्व संपादक अजय उपाध्याय। मंचासीन हैं  बाएं सेकेपी सिंह, हिंदी दैनिक मेट्रो मीडिया के संपादक अरशद फरीदी, अमर उजाला के वरिष्ठ स्थानीय संपादक भूपेन्द्र कुमार, सुनयन शर्मा, एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह।

कंटेट रोचक तो विज्ञापन की भीख मांगना बंद हो जाएगा

मीडिया के आर्थिक पक्ष के बारे में श्री उपाध्याय ने कहा कि मीडिया इंडस्ट्रीज सिर्फ 25 बिलियन डॉलर की है। मीडिया सिर्फ विज्ञापन पर निर्भर है लेकिन इस विज्ञापन ने दूसरे रास्ते देख लिए हैं। विज्ञापन से गूगल को 226 बिलियन डॉलर की आमदनी होती है, उसके सामने हम कुछ भी नहीं हैं। इस तरह से गूगल हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। हमने गूगल से अपने कंटेंट की कीमत नहीं वसूली है। पाकिस्तान, बांग्लादेश में अखबार ₹20 का है लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है। हमारा कंटेंट ऐसा हो कि उसकी कीमत लगे। न्यूयॉर्क टाइम्स में अपने डिजिटल को सुधारा और आज एक बिलियन डॉलर की आमदनी कर रहा है। अमेजन को विज्ञापन से $25 बिलियन की आमदनी होती है जबकि वह सामान बेचता है। जब हम विज्ञापन के लिए किसी के दरवाजे पर भीख मांगना बंद कर देंगे तो लोग खुद आएंगे और इसके लिए हमें अपना कंटेंट रोचक करना होगा।

रिसर्च का कॉलम दें

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने कहा- मैं आगरा की बेटी हूँ। खुशी है कि अपने मायके में कुलपति पद पर आसीन हूँ। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता चेतना की संवाहक है। हिंदी पत्रकारिता का उद्गम भारतेन्दु से पहले हो गया था। विवेकानंद और रवीन्द्रनाथ टैगोर के समय में भी पत्रकारिता होती थी। जहां तक चुनौतियों की बात है तो वह है इकोनॉमी की चुनौती। पत्रकारों का वेतन ठीक हो तो और अधिक दृढ़ता से काम कर सकते हैं। ए.आई., तकनीक और चैट जीपीटी भी चुनौती है। हम रिसर्च का कॉलम दें कि किस प्रकार से पत्रकारिता को बेहतर कर सकते हैं।

ashu rani
संबोधित करतीं आगरा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी। मंचासीन हैं बाएं से केपी सिंह, अरशद फरीदी, अजय उपाध्याय, सुनयन शर्मा,
विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, अमर उजाला के वरिष्ठ स्थानीय संपादक भूपेन्द्र कुमार।

पत्रकारों को मिलने वाले पैसे पर भी बात होनी चाहिए

अमर उजाला आगरा के वरिष्ठ स्थानीय संपादक भूपेन्द्र कुमार ने कहा- हिंदी पत्रकारिता दिवस पर ताज प्रेस क्लब की बिल्डिंग हिंदी पत्रकारिता को दर्शा रही है। देखा जाए तो 32 साल बाद भी हिंदी पत्रकारिता की दशा वही है। जोश में पत्रकार तो बन जाते हैं लेकिन जीवन के मध्यकाल में पैसे की जरूरत पूरी नहीं होती है लेकिन इस पेशे को हमने अपनी च्वाइस से चुना है। मेरा मानना है कि पत्रकारों को मिलने वाले पैसे पर भी बात होनी चाहिए। दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रेस क्लब को देखो, प्रेस क्लब ऐसा हो जहां आराम से बात कर सकें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अखबार नहीं पढ़ रही है, यह भी चुनौती है।

bhupendra kumar
संबोधित करते अमर उजाला के वरिष्ठ स्थानीय संपादक भूपेन्द्र कुमार। मंचासीन हैं  बाएं सेकेपी सिंह, हिंदी दैनिक मेट्रो मीडिया के संपादक अरशद फरीदी, सुनयन शर्मा, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह।

सकारात्मक समाचार भी छापें

भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि अखबारों में नकारात्मक ही नहीं सकारात्मक समाचार भी छापें तो अच्छा रहेगा। अफसर और राजनेता कैसे होने चाहिए, यह भी प्रकाशित किया जाए। पत्रकार, राजनेताओं का निर्माण करते हैं। भविष्य में अच्छे नेता पैदा होते रहें तो समाज हित होगा और राजनीतिक लोग ठीक तो देश भी ठीक होगा। अच्छी बात यह है कि पूरे देश में हिंदी अखबार हैं लेकिन  जिस कोलकाता से हिंदी अखबार शुरू हुआ वहां हिंदी का अखबार ढूंढना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पत्रकारों के सहयोग से ताजमहल के पास स्थित श्मशान घाट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटाया जा सका।

अखबार हम जैसे लोगों के भविष्य का निर्माण भी करता है

श्री खंडेलवाल ने कहा कि मैं सही काम करूं, यह दिशा पत्रकार देते थे। मैंने पत्रकारों से बहुत कुछ सीखा है। 26 जून, 1975 को जब देश में इमरजेंसी लगा दी गई, तब अखबारों ने संपादकीय खाली छोड़कर अपनी बात कही थी। अखबार हम जैसे लोगों के भविष्य का निर्माण भी करता है। हमारी गलती बताने का काम अखबार करता है।

डीएम की ओर से एडीएम ने शुभकामनाएं दीं

जिलाधिकारी नवनीत सिंह के प्रतिनिधि के रूप में आए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अजय कुमार सिंह ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सभी को बधाई दी।

पत्रकारिता कभी मरेगी नहीं

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुनयन शर्मा ने कहा युवा पीढ़ी अखबार पढ़ना नहीं चाहती है क्योंकि उसकी रुचि की सामग्री नहीं है लेकिन पत्रकारिता कभी मरेगी नहीं। क्लब के महासचिव केपी सिंह ने आभार प्रकट किया। संचालन ताज प्रेस क्लब आगरा के उपाध्यक्ष डॉ. भानु प्रताप सिंह ने किया। सम्मान समारोह का संचालन जगत नारायण शर्मा ने किया।

हिंदी पत्रकारिता दिवस
ताज प्रेस क्लब की संगोष्ठी में उपस्थित पत्रकार बंधु।

इनका हुआ सम्मान

अनिल शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार और रंगकर्मी

डॉ. मधुमोद के रायजादा, वरिष्ठ पत्रकार

डॉ. बचन सिंह सिकरवार, वरिष्ठ पत्रकार

डॉ. सुरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

असलम सलीमी, फोटो जर्नलिस्ट

नितेश शर्मा, संपादक, जनसंदेश टाइम्स

राकेश कन्नौजिया, पत्रकार एवं पार्षद

शरद चौहान, पत्रकार एवं पार्षद

 

इन्होंने किया सम्मान और स्वागत

दिल्ली से आए मेट्रो मीडिया के संपादक अरशद फरीदी का स्वागत क्लब अध्यक्ष सुनयन शर्मा ने किया। अतिथियों के साथ क्लब के उपाध्यक्ष मनोज मिश्र, सचिव पवन तिवारी एवं यतीश लवानिया, विनोद भारद्वाज, डॉ. गिरिजाशंकर शर्मा, राजीव सक्सेना अनिल शर्मा (तीनों पूर्व अध्यक्ष), डॉ. सिराज कुरैशी, प्रकाश गुप्ता, आनंद शर्मा, आदर्श नंदन गुप्त, राजेश शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य जयसिंह वर्मा, नरेन्द्र प्रताप सिंह, शरद शर्मा, राजेश शर्मा, राजेश दीक्षित, नरेन्द्र प्रताप सिंह, अरुण रावत, मनोज गोयल, कार्यक्रम के सहयोगी हरेश त्यागी, राजकुमार मीना, रजीवकांत सिंह, अजेन्द्र चौहान, फरहान खान ने अतिथियों का स्वागत और सम्मान किया।

 

उल्लेखनीय उपस्थिति

आगरा विश्वविद्यालय की मीडिया प्रभारी डॉ. पूजा सक्सेनाशशिकांत मिश्रा, शंकरदेव तिवारी, श्याम सुंदर पाराशर, रामहेत शर्मा, मोहनलाल जैन, चंद्रपाल सिंह, अखिलेश दुबे, शीतल सिंह चौहान, देशदीपक तिवारी, बिजेन्द्र शर्मा, के.एन. शर्मा, उषा रानी लोढ़ा, शशिकुमार शर्मा, राजकुमार श्रीवास्तव, अरुण अग्रवाल, राजेश मिश्रा, ऋषि दीक्षित, अरुण अग्रवाल, राजेन्द्र शुक्ला, नीरज शर्मा, लक्ष्मण शर्मा, सतीश, लाखन सिंह बघेल, रामभरत उपाध्याय, अरुण त्रिपाठी, अतुल गुप्ता, जेपी त्यागी, दीपक शर्मा, डॉ. रमेश सोलंकी, लक्ष्मी नारायण, सीपी सिंह, राजेश वर्मा, राजू आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Dr. Bhanu Pratap Singh