सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद CAIT का जागरूकता अभियान

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद CAIT का जागरूकता अभियान

REGIONAL


मथुरा। देश में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध शुरू हो गया जिसके मद्देनजर देश भर में व्यापारियों ने समुचित विकल्पों के अभाव के बावजूद आज से अपनी दुकानों पर प्लास्टिक थैलियों के स्थान पर काग़ज ,जूट एवं कपड़े आदि के थैले एवं थैलियों में सामान देना शुरू किया।

व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT ) ने आज से देश भर के व्यापारियों को तथा उनके कर्मचारियों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध के आदेशों व नियमों का पालन करने और सिंगल यूज प्लास्टिक के किसी भी उपयोग को हतोत्साहित करने को लेकर एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया जो 31 जुलाई तक चलेगा।

आज कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने ब्रज क्षेत्र के कैट संयोजक अमित जैन के साथ मथुरा के होली गेट बाज़ार में पदयात्रा कर जागरूकता अभियान के राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की जिसमें बाज़ार में व्यापारियों की दुकानों पर जा जा कर प्रतिबंध के विषय में बताया। जहां अनेक व्यापारियों को इस प्रतिबंध की कोई जानकारी नहीं थी वहाँ दूसरी ओर कुछ व्यापारियों ने बताया कि उन्होंने आज से काग़ज़, जूट एवं कपड़े के थैले- थैलियों में सामान देना शुरू कर दिया है हालाँकि इसमें असुविधा भी हो रही है किंतु अपनी तरफ़ से व्यापारी इस आदेश का पालन करने में जुटे हैं।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल तथा अमित जैन ने बताया कि इस अभियान में देश भर के 40 हज़ार से ज़्यादा व्यापारी संगठन जुटेंगे और अपने राज्य एवं शहरों में स्‍थित बाज़ारों में व्यापारियों के बीच इस अभियान को चलाएँगे। उन्होंने यह भी बताया कि कैट ने जहां देश भर में व्यापारियों को सलाह दी है कि वो अपनी दुकानों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से बचें वहीं यह भी कहा है कि यदि कोई निर्माता अथवा सप्लायर उनको सिंगल यूज प्लास्टिक की पैकिंग में सामान देता है तो व्यापारी ऐसे सामान का बहिष्कार कर उस सामान को लेने से मना करें और ऐसी पैकिंग के बिना माल देने का आग्रह करें। उन्होंने देश भर में सभी बड़े एवं छोटे निर्माताओं एवं उत्पादकों से आग्रह किया है वो कोई भी सामान सिंगल यूज पैकिंग में व्यापारियों को न दें ।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल तथा श्री जैन ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का पिछले कई दशकों में उपयोग में बहुत तेज़ी से वृद्धि हुई है और पर्याप्त विकल्पों के अभाव में एक दम से उपयोग बंद होना मुश्किल है किंतु फिर भी व्यापारियों ने अन्य उपलब्ध विकल्पों में ही अपने ग्राहकों को सामान देने का निश्चय किया है ।

व्यापारी नेताओं ने कहा कि देश भर में हज़ारों मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट अब तक सिंगल यूज प्लास्टिक अथवा उससे बनाए जाने वाले सामानों का निर्माण कर रही थी किंतु अब प्रतिबंध के चलते उन्हें यह काम बंद करना पड़ेगा। इस प्रकार की इकाइयाँ लाखों लोगों को रोज़गार दे रही हैं। इस प्रतिबंध के कारण उन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि ऐसी सभी यूनिटें किसी अन्य विकल्प अथवा किसी अन्य सामान का उत्पाद करें इस हेतु सरकार इन निर्माण इकाइयों के पुनर्वास की योजना बनाए जिससे कि उनके सामने जीवन यापन का कोई संकट न आए एवं बेरोज़गारी न हो तथा ऐसी इकाइयां बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण को चुकाना जारी रख सकें।

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक के किसी भी सामान के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लग गया है। इस प्रकार से प्लास्टिक की छड़ियों के साथ ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, मिठाई बक्से, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के चारों ओर ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म 100 माइक्रोन से कम, स्टिकर आदि पर प्रतिबंध लग गया है। देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक का व्यापार लगभग 20 हज़ार करोड़ रूपये होने का अनुमान है।

इस अवसर पर कैट के जिलाध्यक्ष जुगलकिशोर अग्रवाल, वरिष्ठ व्यापारी नेता व पार्षद मदन मोहन श्रीवास्तव, विजय अग्रवाल बंटा, विजय शर्मा, संजय गोविल, विशाल खुराना बॉबी, आदित्य अग्रवाल वैद्यजी, संजय गोविल, मुरारी लाल अग्रवाल, चौधरी विजय आर्य, अजय अग्रवाल, देवेंद्र शर्मा, संतोष राजोरिया, दिनेश अग्रवाल आदि ने अपने हाथों में सिंगल यूज पॉलीथिन को बैन करने संबंधी स्लोगन लिखी तख्तियां ले रखी थीं। कार्यक्रम का समापन कागज, जूट, कपड़े आदि से बने थैले बांटकर किया गया।
– Legend News



Dr. Bhanu Pratap Singh