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20 साल से नहीं हुए आगरा कॉलेज में बोर्ड ऑफ ट्रस्ट एवं प्रबंध समिति के चुनाव, कुलपति के.एस. राना ने उच्च शिक्षा मंत्री को लिखी चिट्ठी

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डॉ. भानु प्रताप सिंह 

Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा कॉलेज वर्ष 2023 में 200 साल का हो जाएगा। आगरा कॉलेज में अजीत डोभाल, चौधरी चरण सिंह, सर छोटूराम, मोतीलाल नेहरू, राजबब्बर, डॉ. शंकर दयाल शर्मा जैसी हस्तियों ने शिक्षा पाई है। कॉलेज के पुस्तकालय में 1.40 लाख से अधिक पुस्तकें हैं। इतने ऐतिहासिक आगरा कॉलेज में एक कमी है और यह कमी पिछले 20 साल से चली आ रही है। कुछ लोग न्यासी बोर्ड और प्रबंध समिति पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। यह मामला कुलपति प्रोफेसर के.एस. राना ने उठाया है।

 

1823 में स्थापना, देश में पहला वि.वि. 1857 में बना

आगरा कॉलेज भारत में उच्च शिक्षा के सबसे पुराने संस्थानों में से एक है। प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान पंडित गंगाधर शास्त्री, ने 1823 में कॉलेज की स्थापना की, जबकि भारत में पहले विश्वविद्यालय की स्थापना 1857 में हुई थी। कॉलेज के सभी मामले सीधे इंग्लैंड की संसद को रिपोर्ट किए गए थे। संस्थान 1883 तक एक सरकारी कॉलेज था। अब न्यासी बोर्ड और प्रबंध समिति कॉलेज का संचालन करती है।

 

भारत का सबसे पुराना लॉ कॉलेज

उत्तर प्रदेश के पहले स्नातक और भारत के पहले कानून स्नातक दोनों ने आगरा कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। आगरा कॉलेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा भारत के सबसे पुराने “लॉ कॉलेज” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

 

कलकत्ता, इलाहाबाद के बाद अब डॉ. भीमराव आंबेजकर विवि से संबद्ध

1882 में कॉलेज एक सहायता प्राप्त संस्थान बन गया और खुद को कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध कर लिया। इसकी संबद्धता बाद में 1889 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय और फिर 1927 में स्थापित आगरा विश्वविद्यालय से हुई। आगरा विश्नविद्यालय को ही डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय कहा जाता है। आज यह एक अनुदान-सहायता संस्थान है और कुछ स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रम भी चलाता है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की धारा 2 (एफ) और 12 (बी) द्वारा 1972 में मान्यता दी गई थी।

 

नैक ने दिया ‘ए’ ग्रेड

आगरा कॉलेज को 2015 में यूजीसी द्वारा ‘विरासत की स्थिति’ से सम्मानित किया गया। भारत में 19 अन्य संस्थानों में शामिल होने से भवन रखरखाव के लिए अनुदान प्रदान किया गया। यह दर्जा पाने के लिए किसी संस्थान की आयु कम से कम 100 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। नैक द्वारा कॉलेज को ‘ए’ ग्रेड दिया गया है। इसे प्रतिष्ठित ‘कॉलेज विद पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंस’ (सीपीई) का दर्जा भी दिया गया है।

 

पुस्तकालय में कुछ दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह

आगरा कॉलेज के पुस्तकालय में 1,40,250 से अधिक पुस्तकें हैं, जिनमें से 60,000 पाठ्य पुस्तकें हैं। पुस्तकालय में कुछ दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है। पुस्तकालय में एक पाठ्य पुस्तक बैंक भी है जिससे एक छात्र अधिकतम चार पुस्तकें उधार ले सकता है।

 

प्रमुख पूर्व छात्र

अजीत डोभाल, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

भगवान सिंह, फिजी में पूर्व उच्चायुक्त

चरण सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री

सर छोटूराम, स्वतंत्रता पूर्व युग में संघवादी नेता।

एरा टाक, फिल्म निर्माता, लेखक और पेंटर

मोती लाल नेहरू, वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष

राज बब्बर, फिल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ

डॉ. शंकर दयाल शर्मा, भारत के पूर्व राष्ट्रपति

जी. तारू शर्मा, एन-बायोस पुरस्कार विजेता

सर तेज बहादुर सप्रू, एक प्रसिद्ध वकील और नरमपंथियों के नेता

यतेंद्र कुमार गुप्ता, प्रो. चांसलर शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा

शंकरलाल द्विवेदी, हिन्दी और ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि

 

अब आते हैं असली मुद्दे पर

आगरा कॉलेज में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी एवं प्रबांध समिति का चुनाव दो दशक से नहीं हुआ है। यह प्रकरण कुलपति प्रो. केएस राना ने उठाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश से उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है- ‘आप स्वयं इस ऐतिहासिक कॉलेज के छात्र रहे हैं। अतः तुरंत मंडलायुक्त एवं अध्यक्ष प्रबंध समिति से नियमावली की जानकारी लेकर ट्रस्ट का गठन शिक्षाविदों को समाहित करते हुए करने का कष्ट करें ताकि 200 वर्ष पूरे करने वाले इस ऐतिहासिक संस्था को ऑटोनॉमस स्तर प्रदान किया जा सके अथवा आवासीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित कराया जा सके। यह कार्य आपको ही करना है जिससे शहर की युवा पीढ़ी का भला हो सके। शक्षा संवर्ग में सभी की निगाहें आप पर केंद्रत हैं।’

 

तीन कॉलेज विश्वविद्यालय बन चुके

पत्र में कहा है कि ‘देश में आगरा कॉलेज के साथ बने चार कॉलेज में से अब तक तीन विश्वविद्यालय बन चुके हैं। ये आज तक पुराने भवन में दिन गिन रहा है। आधुनिक शिक्षा केंद्र का रूप नहीं मिला है जबकि शहर के बीच 62 एकड़ भूमि का मालिक है।’

 

मुख्यमंत्री को भेजी प्रति

प्रोफेसर राना ने विश्वास जताया कि उच्च शिक्षा मंत्री कॉलेज की गरिमा को पुनर्स्थापित करेंगे। उन्होंने पत्र की प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव को भी भेजी है।

Dr. Bhanu Pratap Singh