डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गनेश चंद के यहां हुई एक सभा में बड़ी अनोखी बात हुई। सभा के बाद लोगों ने आगरा और इटावा के पूर्व सांसद प्रो. राम शंकर कठेरिया को घेर लिया। इनमें अधिकांशतः भाजपा कार्यकर्ता थे। ये लोग कठेरियासे ऐसी मांग करने लगे जिसके बारे में न तो ‘हां’ कह पा रहे थे और न ही ‘ना’।
आपको बता दें कि श्री गनेश चंद की धर्मपत्नी सुशीला देवी देवी का 31 अगस्त, 2024 को स्वर्गवास हो गया था। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 3 अगस्त, 2024 को राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर इंटर कॉलेज (नगर निगम इंटर कॉलेज), ताजगंज में सभा आयोजित की गई। सभा में हजारों लोग पहुंचे। इसी सभा में प्रो. रामशंकर कठेरिया पहुंचे थे।
आगरा आने की मांग करने लगे कार्यकर्ता
जैसे ही शोकसभा समाप्त हुई, लोग प्रो. कठेरिया के पास पहुंचे। हर कोई उनसे हाथ मिलाने को आतुर था। कुछ लोग गले भी मिल रहे थे। उन्हें देखकर सबके मुख मंडल पर प्रसन्नता का भाव आ गया। सभी मांग कर रहे थे कि फिर से आगरा आ जाओ, आपके बिना आगरा सूना है। कुछ चक्कर चलाओ। कई लोग तो खुलकर कहने लगे कि लोकसभा चुनाव आगरा से लड़ो।
मुस्करा दिए
ऐसी बातें सुनकर कठेरिया मुस्करा दिए। भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन में बंधे होने के कारण कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर पा रहे थे। श्रद्धांजलि सभा के काफी देर तक वे मौजूद रहे। जब तक प्रस्थान नहीं कर गए, तब तक लोग उनसे मिलते रहे और वही राग अलापते रहे। इस कार्यक्रम में भाजपा के छावनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश समेत तमाम भाजपा नेता भी मौजूद थे।
आगरा से जुड़ाव बरकरार
एक भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि कठेरिया जी ने पार्टी के साथ कार्यकर्ताओं के लिए भी काम किया। इसी कारण आज भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं। इटावा लोकसभा चुनाव में भी आगरा से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता गए थे। चुनाव प्रबंधन संभाला था। यह बात अलग है कि वे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगरा विभाग प्रचारक रहे हैं, इस नाते भी संपर्क है।
कौन हैं प्रो. रामशंकर कठेरिया
रामशंकर कठेरिया का जन्म जन्म 21 सितंबर, 1964 को इटावा में हुआ। वे 2009 और 2014 में आगरा और 2019 में इटावा के सांसद रह चुके हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव हार गए। वे राष्ट्रीय अनुसूचीत जाति आयोग के अध्यक्ष, वर्ष 2016 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे हैं। भाजपा ने 2014 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर छत्तीसगढ़ और पंजाब राज्यों का प्रभारी भी बनाया।
कौन हैं गनेश चंद
ताजगंज क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का झंडा उठाने वालों में गनेश चंद और संतोष चौरसिया ही थे। यह तब की बात है जब भाजपा को कोई पूछता नहीं था। कांग्रेस का बोलबाला था। गनेश चंद ने पार्टी के लिए संघर्ष किया। कार्यकर्ताओं को जोड़ा। इसके बाद छावनी क्षेत्र पर भाजपा का कब्जा हुआ। गनेश चंद द्वारा निर्मित कार्यकर्ता भाजपा में उच्च पदों पर हैं और विधायक तक बने हैं। ताजगंज और छावनी क्षेत्र में भाजपा का अर्थ ही गनेश चंद हुआ करता था। कार्यकर्ताओं के लिए पुलिस से अकसर भिड़ंत होती रहती थी। वे पुलिस से पिटे और पुलिस को पीटा भी। नई भाजपा में ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं को कोई खास तवज्जो नहीं मिली है।
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