Agra, Uttar Pradesh, India. अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवी माहेश्वरी ‘श्री जी’ (वृंदावन धाम) का कहना है कि राम और कृष्ण में कोई अंतर नहीं है। राम यानी राधा –माधव। राधा का अर्थ है भक्ति और शक्ति। शक्ति के बिना ब्रह्म का भी कोई अस्तित्व नहीं है। राधारानी कृष्ण को गुणवान बनाती हैं। विश्व को उत्पन्न करने की शक्ति राधारानी में है। वही श्रीविद्या और बृज की सरकार हैं। ब्रह्मांड में वृंदावन जैसा कोई स्थान नहीं है। बृज की रज में पैदा होने वाले भाग्यशाली हैं। तीर्थों में मनोरंजन के लिए नहीं मनोमालिन्य दूर करने के लिए जाएं। इंद्रियों पर संयम रखें।
नौ अप्रैल तक चलेगी कथा
देवी माहेश्वरी ‘श्री जी’ व्यासपीठ से शिव पैलेस पश्चिमपुरी, सिकंदरा आगरा में आयोजित श्रीमदभागवत कथा की महिमा बता रही थीं। कथा का आयोजन अर्पण जनकल्याण सेवा संस्थान और विश्व मंगल परिवार ने किया है। यह कथा नौ अप्रैल तक अपराह्न तीन से शाम छह बजे तक चलेगी। दीप प्रज्ज्वलित कर कथा का प्रारंभ संजय विनायक जोशी पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने किया। कथा के मुख्य यजमान श्रीप्रकाश सिंह और सीमा सिंह हैं। भजन सुनकर महिलाएं और पुरुष इतने भावविभोर हो गए कि नृत्य करने लगे।
सुख और आनंद में अंतर
श्री जी ने राधा नाम और श्री की अद्भुत व्याख्या की। उन्होंने कहा कि डनलप के गद्दे पर सोना सुख और जो करुणा बनकर नेत्रों से बहने लगे तो आनंद है। शुकदेव, नारद मुनि, सनकादिक, आत्मदेव आदि की कथाओं के माध्यम से बताया कि किस तरह से भागवत कथा सुनने और सुनाने से कल्याण हुआ।
भागवत कथा की महिमा
उन्होंने बताया कि सौ यज्ञ के बराबर भागवत कथा होती है। स्वयं की पहचान भागवत कथा से होती है। कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य का कल्याण हो सकता है। पूर्व जन्म के अशुभ कर्मों से निवृत्ति मिलती है। प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है। सारे पाप कट जाते हैं। भागवत कथा कराना भी राष्ट्र की सेवा है।
भागवत कथा का उद्देश्य
श्रीजी ने कहा कि भागवत कथा का उद्देश्य परिवार, समाज और देश में मंगलमय वातावरण हो। भारत करोना महामारी से मुक्त हो। कोरोना देश से पलायन कर जाए। परोपकार की भावना से सब मिलकर प्रार्थना करते हैं तो समाज का कल्याण होता है। प्रभु आराधना के साथ सतर्कता बरतनी है। कोरोना वैक्सीन लगवाएं। भागवत कथा स्वयं की स्वयं से पहचान कराती है। निमिष मात्र सतसंग करने से भवसागर से पार हो जाते हैं।
प्रो. रामशंकर कठेरिया का स्वागत
इटावा के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया और पूर्व मंत्री डॉ. रामबाबू हरित का स्वागत किया गया। आरती में मुख्य यजमान के साथ लोहरे सिंह, जगदीश चंद गोयल, मनीष शर्मा दिल्ली, नमन गोयल, कैलाश त्रिपाठी एड. अशोक गोयल, अशोक अग्रवाल कमलानगर, लक्ष्मण चौधरी, शेष कुमार सिंह, अरब सिंह राजपूत, देवेन्द्र प्रकाश दुबे, अनुज कुमार, करन गर्ग, अनुभा उपाध्याय, ज्ञानेश्वरी दीक्षित, रीना तोमर, विमलेश सारस्वत, मंजू वार्ष्णेय आदि ने आरती की। संचालन मुनेन्द्र श्रोत्रिय ने किया। कथा के कर्ताधर्ता मुकेश चंद गोयल हैं लेकिन वे मंच के नीचे ही रहे। मुकेश नेचुरल, दीपक तोमर एड., लालता प्रसाद, कुलकुलेन्द्र, नरेश शर्मा, राकेश कुमार पूर्व संगठन मंत्री झारखंड, संस्था के अध्यक्ष अरुण सिंह, मीडिया प्रभारी ऋषि अग्रवाल, अजेन्द्र चौहान, राजीव शर्मा, राजीव त्रिपाठी, अजय वर्मा एडवोकेट, वी पी सिंह, विजेंद्र सिंह, कमलेश जाटव पार्षद, आरके शुक्ला, राजकिशोर ने व्यवस्था संभाली। कथा सुनने के लिए इतने श्रद्धालु आ गए कि कुर्सियां कम पड़ गईं। अधिकांश लोग मास्क लगाए हुए थे।
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