बेस्ट सेलर ‘बेटियों’ ने रचा इतिहास, पुस्तक मेला में विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट ने सासनी के डॉ. पुष्पेंद्र सिंह को दिया 51 हजार रुपये का पुरस्कार

साहित्य

डॉ. भानु प्रताप सिंह

लाइव स्टोरी टाइम

आगरा, उत्तर प्रदेश, इंडिया, भारत। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षाविद् एवं संवेदनशील साहित्यकार डॉ. पुष्पेंद्र सिंह की पुस्तक बेटियां’ ने हिंदी साहित्य में ऐतिहासिक सफलता अर्जित की है। इस पुस्तक की लोकप्रियता ने इसे बेस्ट सेलर के उच्चतम शिखर पर पहुंचा दिया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट ने डॉ. सिंह को ₹51,000 का नकद पुरस्कार प्रदान कर साहित्यिक जगत में एक मिसाल कायम की है।

 

उदात्त आयोजन, जहां सम्मान बरसा

भावना मल्टीप्लेक्स में निखिल प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक मेले में हुआ अलंकरण समारोह

यह गरिमामयी सम्मान समारोह भावना मल्टीप्लेक्स, कारगिल चौराहा,  सिकंदरा  स्थित पुस्तक मेले में संपन्न हुआ, जहां साहित्यप्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी। निखिल प्रकाशन द्वारा आयोजित इस मेले में न केवल पुस्तकें पढ़ने की सुविधा उपलब्ध है, बल्कि समस्त बेस्ट सेलर पुस्तकों की बिक्री भी सुनिश्चित की गई थी। ‘बेटियां’ की लोकप्रियता ने इस आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।

मैं हिंदू पुस्तक के लेखक राजेश खुराना को हिंदी गौरव सम्मान प्रदान किया गया।

हिंदी साहित्य के प्रचार-प्रसार में योगदान

10 हज़ार प्रतियों की बिक्री, हिंदी के परे गैर-हिंदी भाषी राज्यों में भी माँग

विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री मोहन मुरारी शर्मा ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि ‘बेटियां’ की दस हजार से अधिक प्रतियाँ विभिन्न राष्ट्रीय पुस्तक मेलों में बिक चुकी हैं। आश्चर्यजनक रूप से, गैर-हिंदी भाषी प्रदेशों में भी इस कृति की सराहना की गई है, जो इसकी प्रभावशीलता और विषय की संवेदनशीलता को दर्शाता है। इन्हीं कारणों से ट्रस्ट ने डॉ. पुष्पेंद्र को ₹51,000 का विशेष पुरस्कार प्रदान किया।

आध्यात्मिक कवि आचार्य यादराम सिंह वर्मा का सम्मान करते मोहन मुरारी शर्मा, राजेश खुराना और डॉक्टर भानु प्रताप सिंह

साहित्य के रत्नों का अभिनंदन

प्रख्यात रचनाकारों को मिला हिंदी गौरव सम्मान

समारोह में केवल डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ही नहीं, बल्कि उनकी धर्मपत्नी डॉ. सतना सिंह, प्रबुद्ध कवि डॉ. मधुमोद के रायजादा, राष्ट्रनिष्ठ लेखक राजेश खुराना (‘मैं हिंदू’ के लेखक), लोकप्रिय लेखिका माया चौबे, वरिष्ठ आध्यात्मिक साहित्यकार आचार्य यादराम सिंह वर्मा ‘कविकिंकर’, भावनाप्रवण लेखक राकेश कुमार सिंह, और मंजू यादव ग्रामीण को भी हिंदी गौरव सम्मान’ से विभूषित किया गया।

लेखक राकेश कुमार सिंह का सम्मान।

राजेश खुराना ने समारोह में मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई और वरिष्ठ कवि यादराम सिंह वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर साहित्यिक और पत्रकारिता जगत की समन्वित प्रतिभा, डॉ. भानु प्रताप सिंह द्वारा संगठित और सरस संचालन ने समारोह में नई जान फूंकी। डॉ. सिंह को भी पूर्व में ‘हिंदी गौरव सम्मान’ से नवाजा जा चुका है।

माया चौबे को हिंदी गौरव सम्मान प्रदान किया गया।
लक्ष्मण प्रसाद का सम्मान।

पुस्तकों का लोकार्पण और सम्मान

राम जन्मभूमि और खजुराहो की काव्यात्मक गूंज

इस गौरवपूर्ण अवसर पर दिल्ली के लेखक विवेक कुमार बजाज की कृति राम जन्मभूमि: अनवेलिंग द डिवाइन वरडिक्ट’ का लोकार्पण किया गया, जिन्हें बेस्ट राइटिंग अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। साथ ही, रमाकांत द्विवेदी द्वारा रचित खजुरोहा काव्य उत्तर’ का भी लोकार्पण किया गया, जिसने कार्यक्रम को और अधिक समृद्ध बना दिया।

डॉ मधुमोद के रायजादा को हिंदी गौरव सम्मान।

साहित्य संरक्षक मोहन मुरारी शर्मा : शब्दों के प्रहरी, संस्कृति के रक्षक

जिस युग में बाजारवाद साहित्य के मूल्यों को निगलने को आतुर है, उस युग में मोहन मुरारी शर्मा जैसे साहित्य संरक्षक दीपशिखा ब नकर उभरे हैं। वे केवल संस्था के अध्यक्ष नहीं, बल्कि हिंदी भाषा के अनन्य साधक और साहित्य के यशस्वी संरक्षक हैं। उनका नेतृत्व साहित्यकारों को केवल मंच नहीं देता, वरन् उन्हें यथोचित मान, सम्मान और आर्थिक सहयोग भी प्रदान करता है।

मंजू यादव ग्रामीण का सम्मान

उनका कार्य वाणी की मर्यादा और अभिव्यक्ति की गरिमा की पुनर्स्थापना है। विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट के माध्यम से वे एक ऐसा साहित्यिक आंदोलन चला रहे हैं, जो लेखनी को आत्मा का स्वर और पुस्तकों को संस्कृति का स्तंभ बनाता है। ऐसे सृजननायक को नमन, जिनकी दृष्टि में साहित्य केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र के मन का दर्पण है।

विनोद कुमार बजाज की पुस्तक का लोकार्पण

 

Dr. Bhanu Pratap Singh