फर्जीवाड़े के एक मामले में आजम को जमानत, लेकिन अभी रिहाई नहीं

फर्जीवाड़े के एक मामले में आजम को जमानत, लेकिन अभी रिहाई नहीं

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रामपुर में जमीन के कब्जे के कई मामलों के साथ अन्य केस में सजा मिलने के बाद जेल में बंद रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी है। आजम खां करीब दो वर्ष से सीतापुर की जेल में बंद हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फर्जीवाड़े के एक मामले में आजम खां की जमानत याचिका की मंजूर कर ली है। इसके बाद भी अभी उनको जेल से बाहर आने का मौका नहीं मिलेगा। मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां पर फर्जीवाड़ा का आरोप है। आजम खां करीब दो वर्ष से सीतापुर की जेल में बंद हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आजम खां को जमानत देने का का निर्देश दिया। आजम खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) में चार्जशीट दाखिल हुई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को पद के दुरुपयोग के एक मामले में जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद भी वह अभी भी सीतापुर की जेल में बंद रहेंगे। उसके खिलाफ दो मामलों में अभी की फैसला सुरक्षित है।
आजम खां को सरकारी मुहर और लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिली है। हाई कोर्ट ने सरकारी लेटर पैड एवं मुहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की ओर से दाखिल जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर कर ली। वह अन्य मामलों में अभी जेल में ही रहेंगे। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने दिया। अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खां काफी समय से जेल में हैं तथा उनके विरुद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है। इसके अलावा मामला राजनीति से प्रेरित है। दूसरी ओर जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील का तर्क था कि आजम खां के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज कोतवाली में एक फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। इसके बाद अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया कि आजम खां ने सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मुहर का दुरुपयोग करके भाजपा के साथ ही साथ आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर उनकी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में रामपुर से समाजवादी के प्रत्याशी आजम खां जमानत मिलने के बाद लग रहा था कि मतदान के परिणाम घोषित होने वाले दिन यानी दस मार्च को रामपुर पहुंच जाएंगे, लेकिन अभी दो गंभीर मामले में वह जेल में बंद रहेंगे। समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां रामपुर से समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। फर्जीवाड़ा के मामले में आजम खां के साथ उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खां तथा पत्नी भी जेल में बंद थे। आजम खां की पत्नी तंजीम फात्मा अभी रामपुर से विधायक हैं जबकि बेटा अब्दुल्ला आजम खां उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में रामपुर के स्वार टांडा से समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं।
आजम खां को जेल में दो साल : समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता सांसद आजम खां ने 26 फरवरी 2020 को कोर्ट में समर्पण किया था। उनके साथ ही उनकी पत्नी शहर विधायक डा.तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी कोर्ट में हाजिर हुए थे। अदालत ने तीनों को जेल भेज दिया था। तजीन फात्मा दस माह बाद और अब्दुल्ला 23 माह बाद जमानत पर छूट सके। आजम खां अभी तक सीतापुर जेल में है।
आजम खां और उनके करीबियों पर साल 2019 में बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। सांसद के खिलाफ 87 मुकदमे विचाराधीन हैं, तीन मुकदमों में जमानत होना बाकी है। इनमें एक मामला शत्रु संपत्ति से जुड़ा है। जमीन मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में है। इस मुकदमे में जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो चुकी है और फैसला सुरक्षित है। दूसरा मामला जल निगम भर्ती घोटाले से संबंधित है। इसमें सीबीआई कोर्ट लखनऊ में जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी है। तीसरा मामला भी लखनऊ का है।
जेल में रहते लड़ा चुनाव: आजम खां ने जेल में रहते हुए ही रामपुर शहर से सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा है, जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने स्वार-टांडा सीट से चुनाव लड़ा है। उन्होंने अपने साथ ही आजम खां के चुनाव की कमान भी संभाली। अब 10 मार्च को नतीजे ही बताएंगे कि जेल में बंद आजम खां दसवीं बार रामपुर शहर से विधायक बन पाते हैं या नहीं। वह नौ बार पहले शहर विधायक बन चुके हैं। अब्दुल्ला आजम कहते हैं इस बार भी भारी मतों से चुनाव जीतेंगे। उन्हें उम्मीद है कि जमानत मंजूर होने पर शीघ्र ही आजम खां भी जेल से बाहर आएंगे।
-एजेंसियां