यूपी के मूल निवासी हैं असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा, विधानसभा में खुद किया खुलासा

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भाजपा के फायरब्रांड नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने अपनी मूल पहचान को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने असम की विधानसभा में अपना बात रखते हुए कहा कि वह असम के नागरिक हैं लेकिन खिलंजिया के मूल निवासी नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के कन्नौज से जाकर वहां बसे थे। हिमंता, असम में जमीन का पट्टा देने में भेदभाव के आरोप पर बोल रहे थे। विपक्ष एक खास समुदाय के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा रहा था। आरोप था कि कागज पूरे होने के बाद भी समुदाय को पट्टा नहीं दिया जा रहा है।

वसुंधरा योजना में जमीन

असम सरकार वसुंधरा योजना के तहत असम के मूल निवासियों को जमीन का पट्टा दे रही है। इसे लेकर ही विपक्ष हमलावर है। मुख्यमंत्री सरमा ने आरोप का जवाब देते हुए कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ असम के मूल निवासियों को मिलेगा। जिनके पूर्वज हजारों सालों से असम में रह रहे हैं। खिलंजिया वहीं हैं, जो यहां हजारों सालों से रह रहे हैं। वसुंधरा योजना में पट्टा के लिए करीब 13 लाख लोगों ने आवेदन दिया था लेकिन सिर्फ 40 फीसदी को ही पट्टा मिला है।

असम में हुआ था हिमंता का जन्म

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा का जन्म 1 फरवरी 1969 को असम के ही जोरहाट में हुआ था। इनके पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा और मृणालिनी देवी है। 1996 में पहली बार जालुकबारी से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए।

2001 में यहीं से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। भाजपा में आने से पहले सरमा कांग्रेस में थे। यहां तरुण गोगोई सरकार में कृषि और स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। भाजपा में आने के बाद 2021 से वह असम के मुख्यमंत्री हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh