उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अब मदरसों का कायाकल्प होगा। राज्य सरकार इनको अब हाईटेक बनाने पर ध्यान दे रही है। सरकार ने इसके लिए एक रोडमैप भी तैयारी किया है, जिसके तहत मदरसों में पढ़ रहे बच्चे अब एआई तकनीक के बारें में भी जान सकेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक यूपी के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई करेंगे, साथ ही उनके सिलेबस में NCERT की किताबें भी शामिल की जाएंगी। इसके लिए योगी सरकार टीचर्स की ट्रेनिंग भी करा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश भर के मदरसों में करीब 14 लाख बच्चे पढ़ते हैं।
राजधानी में दी जा रही ट्रेनिंग
जानकारी के अनुसार मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके लिए लखनऊ में स्कूल टीचर्स के साथ मदरसा शिक्षकों को भी योगी सरकार AI तकनीक की ट्रेनिंग दे रही है। मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने की योगी सरकार की ये नई पहल है। बता दें कि स्कूल और मदरसे के टीचर्स को AI के बारे में बताने के लिए सरकार की तरफ से 22 वीडियो बनाए गए हैं।
राज्य में 16 हजार से ज्यादा मदरसे
यूपी में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए लगातार काम हो रहे है। अभी यूपी में 16,513 मदरसें हैं, जिसमें 13,92,225 बच्चे पढ़ रहे हैं।
योगी सरकार ने मदरसों में NcErt की किताबें, कम्प्यूटर देने की शुरुआत की है। अब तक 1275 मदरसों को कम्प्यूटर दिए जा चुके हैं। इसके अलावा 7442 मदरसों में बुक बैंक,साइंस और मैथ्स किट भी दी जा चुकी है। ट्रेनिंग में आए मदरसा टीचर मौलाना मोहम्मद अज़ीम अज़हरी ने कहा कि “मदरसे के बच्चों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना बहुत ज़रूरी है”।
सरकार ने बनाया मदरसा पोर्टल
इसके अलावा मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए योगी सरकार ने मदरसा पोर्टल बनाया गया,जिससे फर्जी मदरसे न चले। मदरसों में NCERT की किताबें शामिल की गई, जिससे बच्चे मज़हबी तालीम के साथ साथ साइंस, मैथ्स, इंग्लिश, हिंदी भी पढ़ सकें, जिससे मदरसे के बच्चे इंजीनियर, डाक्टर, आईएएस, आईपीएस बन सके।
वहीं, मदरसों में नकल न हो इसके लिए सेंटर्स में वेब कैमरे लगाए गए है। इतना ही नहीं, मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को हाईटेक बनाने के लिए मदरसा ई-लर्निंग एप (MELA) लांच किया गया है। इस ऐप में मदरसे में पढ़ाई जाने वाली सभी किताबें है और इससे लाइव क्लास भी हो सकते हैं।
“मदरसे के बच्चे सिर्फ़ मुल्ला मौलवी न बनें”
इसके अलावा मदरसों की सेकेंडरी की बोर्ड परीक्षाओं में सबसे ज़्यादा नम्बर पाने वाले छात्रों को एक-एक लाख रुपये और टेबलेट दिए गए। वहीं, सरकार की तरफ से NEET क्वालीफाई करने वाले मदरसों के छात्रों का सम्मान भी किया गया। मदरसे के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप को आधार से जोड़ा गया है, जिससे स्कालरशिप में धांधली को रोका जा सके।
प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सरकार चाहती है कि मदरसे के बच्चे सिर्फ़ मुल्ला मौलवी न बने बल्कि डाक्टर, इंजीनियर, आईएएएस, आईपीएस भी बने, जिसके लिये मदरसों में दीनी तालीम के साथ आधुनिक पढ़ाई भी होना बहुत ज़रूरी है।
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