यूक्रेन पर रूस के हमले के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने पोलैंड में 9 हजार सैनिकों को भेजने के बाद अब 32 अपाचे हेलिकॉप्टर, 8 अत्याधुनिक एफ-35 फाइटर जेट और 800 अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं। उड़ता टैंक कहे जाने वाले अपाचे हेलिकॉप्टर जर्मनी और ग्रीस से भेजे गए हैं। रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका अब अपने जंगी हथियारों और सैनिकों को पूर्वी यूरोप की ओर ले जा रहा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 800 अमेरिकी सैनिकों को लिथुआनिया, लाटविया और इस्टोनिया भेजा रहा है। अमेरिका अपने सबसे आधुनिक एफ-35 फाइटर जेट को नाटो देशों में तैनात करने जा रहा है। अमेरिका के अपाचे हेलिकॉप्टर को बाल्टिक देशों और पोलैंड में तैनात किया जा रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने एक बयान जारी करके कहा, ‘अतिरिक्त सैन्यकर्मियों को नाटो सहयोगियों को गारंटी देने के लिए एक जगह से दूसरी जगह पर तैनात किया गया है। ये सैनिक नाटो देशों पर होने वाले किसी भी हमले का जवाब देंगे और ट्रेनिंग देने का काम करेंगे।’
यूरोप में सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं पुतिन: ब्लिंकेन
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार रात को अतिरिक्त सैन्य उपकरणों को बाल्टिक देशों में भेजने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि रूस के बेलारूस से सेना को नहीं हटाने के बाद मैंने अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों की तैनाती का आदेश दिया है जो पहले से ही यूरोप में मौजूद हैं। इससे बाल्टिक देशों की सुरक्षा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से रक्षात्मक कदम है और हम इसके जरिए रूस को संदेश देना चाहते हैं।
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि यूक्रेन पर आक्रमण की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘सभी के साथ योजना’ की थी। उन्होंने स्थिति को ‘निर्मित संकट’ बताया। द गार्जियन की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। वाशिंगटन में यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में, ब्लिंकन ने कहा, ‘उनकी (पुतिन) योजना हमेशा यूक्रेन पर आक्रमण करने, यूक्रेन और उसके लोगों को नियंत्रित करने, यूक्रेन के लोकतंत्र को नष्ट करने की रही है जो इसके विपरीत है। इसलिए यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’
मास्को आक्रमण को आगे बढ़ाता है तो प्रतिबंधों को बढ़ाने की योजना ब्लिंकन ने यह भी कहा कि वह अब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से शुक्रवार को पेरिस में योजना के अनुसार नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा, ‘अब जब हम देखते हैं कि आक्रमण शुरू हो रहा है और रूस ने कूटनीति की अपनी थोक अस्वीकृति को स्पष्ट कर दिया है, तो इस समय उस बैठक को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है।’
ब्लिंकन की टिप्पणी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा मंगलवार को रूसी बैंकों, कुलीन वर्गों और अन्य के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों के पहले दौर की घोषणा के बाद आई है, अगर मास्को अपने आक्रमण को आगे बढ़ाता है तो प्रतिबंधों को बढ़ाने की योजना है।
-एजेंसियां
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