अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाकिस्तान के चुनाव में धांधली के आरोपों पर चिंता व्यक्त की है और पाकिस्तान से कहा है कि वो जनता के फ़ैसले का सम्मान करे.
एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक हिंसा और इंटरनेट और फ़ोन सेवाओं के निलंबन की निंदा करते हैं. इसने चुनावी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाला. हम चाहते हैं कि पाकिस्तान की न्याय प्रणाली हस्तक्षेप करे और धोखाधड़ी के दावों की पूरी जाँच करे. हम आने वाले दिनों में इस पर नज़र रखेंगे.”
मैथ्यू मिलर से पूछा गया था कि क्या धांधली के आरोपों के बावजूद अमेरिका पाकिस्तान की सरकार के साथ काम करने को इच्छुक है. इस पर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान में कोई नई सरकार आई है. सरकार गठन पर अभी चर्चा चल रही है.”
मिलर से पूछा गया कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीत गए तो क्या अमेरिका ऐसी सरकार बनने पर चिंतित होगा, जिसमें वे शामिल न हों.
इस पर उन्होंने कहा, “चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिला जिसमें लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव में अनियमितताएं हुई हैं और हम इसकी जाँच कराना चाहते हैं. लेकिन हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और सरकार बनने पर उनके साथ काम करने को तैयार हैं.”
पाकिस्तान के चुनाव में जीत हासिल करने वालों में सबसे बड़ी संख्या पूर्व पीएम इमरान ख़ान के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की है. इनकी संख्या 93 है. वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ को नेशनल असेंबली चुनाव में 75 सीटों पर जीत मिली है. जबकि, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीती हैं.
फिलहाल पीपीपी और पीएमएलएन दोनों ही गठबंधन पर वार्ता कर रहे हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास कुल 265 सीटों में से 133 का समर्थन होना चाहिए.
-एजेंसी
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