गजब है भाई प्रदेश यूपी औऱ उससे भी गजब है अपने प्रदेश के प्रतिभासंपन्न अधिकारी
विनोद नाम का शख्स गोरखपुर कमिश्नर से मिलकर भारत रत्न की मांग करता हैं। सीनियर आई ए एस अफसर अपने अधीनस्थ कलक्टर को मार्क करते हैं। कलक्टर से CDO और फिर SDM सदर से होते हुए यह पत्र जांच के लिए तहसीलदार के पटल पर आता हैं। अब पता चला की पत्र में ‘भारत रत्न’ की मांग की गई हैं।
यूपी के गोरखपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक युवक ने खुद के लिए भारत रत्न की मांग की है. इसको लेकर युवक ने आयुक्त कार्यालय को पत्र लिखकर ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है. हैरानी की बात ये है कि, एक के बाद एक जनपद के अधिकारियों ने पत्र को बिना पढ़े ही आगे कार्रवाई के लिए बढ़ा दिया. जब ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो इसकी चारों ओर चर्चा होनी शुरू हो गई है. हालांकि अपनी इस चूक पर अब अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.
भारत रत्न की मांग का पत्र वायरल
पिपराइच थाना और सदर तहसील के कुसम्ही बाजार के महराजी गांव के उत्तर टोला के रहने वाले विनोद कुमार गौड़ के द्वारा लिखा गया है. पत्र में अक्टूबर माह की तारीख लिखी गई है. पत्र में विनोद कुमार गोंड ने मांग की है कि ‘वे 30 सितंबर 2023 को संध्या वंदन यानी शाम की पूजा के पहले वे ध्यान साधना में बैठकर तपस्या कर रहे थे. अचानक उन्हें अंतःकरण से बहुत तीव्र गति से दो बार आवाज आई कि, ‘मुझे भारत रत्न चाहिए, मुझे भारत रत्न चाहिए. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘भारत रत्न’ देने की मांग कर दी. रविवार से सोशल मीडिया पर ये पत्र तेजी से वायरल हो रहा है.
अधिकारियों बिना पढ़े किया हस्ताक्षर
इस पत्र को आयुक्त (कमिश्नर) कार्यालय गोरखपुर के नाम से प्रेषित किया गया है. वहां से इस पत्र को अपर आयुक्त (न्यायिक) द्वारा कार्रवाई के लिए गोरखपुर के जिलाधिकारी को भेजा गया है. इस पर उनकी बाकायदा मोहर भी लगी है. इसके बाद पत्र जिलाधिकारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एडीएम सदर, तहसीलदार सदर, सीडीओ यानी मुख्य विकास अधिकारी के हस्ताक्षर और साइन के साथ आगे बढ़ा दिया गया है.
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