बहुजन समाज पार्टी के नए चेहरे और उत्तराधिकारी के रूप में सामने आए आकाश आनंद आजकल राजनीतिक रैलियों के अलावा मीडिया साक्षात्कारों के ज़रिए भी चर्चा में हैं. सोशल मीडिया पर भी वो पार्टी को नया कलेवर देने की कोशिशें कर रहे हैं.
आकाश आनंद राजनीतिक रैलियों में बिना नाम लिए उत्तर प्रदेश के युवा दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद की आलोचना करते हैं. लेकिन उनसे जुड़े सवाल पर उन्हें ‘छुटभैया’ कहकर ख़ारिज कर देते हैं.
कभी अपने दम पर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी की राजनीतिक हैसियत पिछले चुनावों में काफ़ी घटी है.
पार्टी ने पिछला लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा और दस सीटें जीतीं, लेकिन इस बार बीएसपी अकेले चुनाव लड़ रही है. आकाश आनंद मानते हैं कि ये पार्टी की सोची-समझी रणनीति है.
क्या बीजेपी की बी टीम है बीएसपी?
बीबीसी के साथ बातचीत में आकाश आनंद ने बीएसपी को बीजेपी की बी-टीम बताए जाने के आरोपों को ख़ारिज किया लेकिन चुनाव के बाद बीजेपी के साथ जाने की संभावना से जुड़े सवाल पर उन्होंने ये भी कहा कि बीएसपी का मक़सद राजनीतिक सत्ता में आना है. इसके लिए पार्टी जो सही होगा, करेगी. उन्होंने बीजेपी के साथ जाने की संभावना को स्पष्ट रूप से ख़ारिज नहीं किया.
चुनाव के बाद बीजेपी के साथ जाने की संभावना से जुड़े सवाल पर आनंद ने कहा, ”हमारा अंतिम लक्ष्य ये है कि हम राजनीतिक सत्ता में आ जाएं, ताकि हम अपने समाज के लिए काम कर सकें.”
जब उनसे पूछा कि क्या आप इससे इंकार नहीं कर रहे हैं कि अगर आपको साथ जाना पड़े तो जाएंगे. इस पर उन्होंने कहा, ”हम जाएंगे नहीं, लेकिन हमें किसी का इस्तेमाल करना पड़े तो करेंगे. किसी का भी इस्तेमाल करेंगे.”
‘इस्तेमाल करने’ को परिभाषित करते हुए वो कहते हैं, ”इस्तेमाल करने की परिभाषा ये होती है कि हम अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे, हम अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. हम उनका इस्तेमाल करेंगे ताकि हम अपने लोगों की सेवा कर सकें.”
बहुजन समाज पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत आकाश आनंद की रैलियों से हुई. क्या वो मायावती की जगह बीएसपी का चेहरा बन रहे हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा- ”ऐसा नहीं है, मायावती की कम से कम 45 रैलियों की योजना है. वो हर क्षेत्र में ख़ुद जाकर कमान संभाल रही हैं. हम तो उनके लिए वार्मअप कर रहे थे, माहौल तैयार कर रहे थे. अब वो मैदान में जाएंगी तो ख़ुद अपना मैसेज डिलीवर करेंगी.”
बहुजन समाज पार्टी एक कैडर आधारित पार्टी है. कांशीराम के बाद पार्टी की कमान मायावती के हाथ में आई. मायावती अभी भी पार्टी की सबसे बड़ी नेता हैं. हालांकि, आकाश आनंद को उनके उत्तराधिकारी की तरह पेश किया गया है. आकाश आनंद मायावती के भतीजे हैं.
आकाश आनंद को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने के बाद वंशवाद के आरोप भी लगे हैं.
आनंद इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहते हैं. ”हमसे पहले और परिवार को आगे रखने से पहले बहनजी ने कम कम से चार लोगों को मौका दिया जो परिवार से नहीं थे, लेकिन वो ज़िम्मेदारी नहीं निभा पाए.
कुछ वक़्त बाद पार्टी के सीनियर लीडर्स ने सलाह दी कि परिवार से ही किसी को आगे बढ़ाया जाए, कस्टोडियन के रूप में, उसके बाद मुझे ज़िम्मेदारी मिली, हम कस्टोडियन की तरह हैं ना कि उत्तराधिकारी. ये विरासत नहीं है बल्कि ज़िम्मेदारी है, हम इसे ऐसे ही निभाएंगे.”
-एजेंसी
- Agra News: पुष्पांजलि हॉस्पिटल के पार्किंग परिसर में हादसा, आक्सीजन सिलेंडर कैंटर की टक्कर से बेसमेंट में गिरे युवक की मौत - March 31, 2025
- एचएएल द्वारा रूस को प्रतिबंधित तकनीक भेजने संबंधी न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को भारत ने नकारा - March 31, 2025
- पासवान परिवार में संपत्ति विवाद: चिराग की ‘मां’ को घर से निकाला, दरवाजे पर जड़ा ताला - March 31, 2025