एयर चीफ का बड़ा बयान- ऑपरेशन सिंदूर में पाक के पांच जेट और एक अवाक्स को मार गिराया था

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नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने शनिवार को देश को आधिकारिक तौर पर बताया कि कि ऑपरेशन सिंदूर में हमने भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट और एक अवाक्स (टोही विमान) को मार गिराया था।

भारतीय वायुसेना के प्रमुख एपी सिंह ने पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि इंडियन एयरफोर्स ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 5 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। इसके अलावा और भी एयरक्राफ्ट को मार गिराया गया था। भारतीय वायुसेना ने इसके लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का प्रयोग किया था। उनका यह बयान बेंगलुरु में एयर चीफ मार्शल एल. एम. कात्रे व्याख्यान में बोलते हुए आई, यह पहला मौका है जब किसी वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तान को विमान और प्लेटफार्मों के संदर्भ में हुए नुकसान के बारे में विस्तार से बात की।

पाकिस्तानी AWACS को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया गया था

आगे की जानकारी देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमने कई इमारतों की पहचान पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की 7 मई की जवाबी कार्रवाई से पहले की कर लिया था। इन बिल्डिंग में अधिकारियों की मीटिंग होती थी। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तानी AWACS को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया गया। बता दें कि AWACS एक खास तरह का विमान होता है जिसके ऊपर एक बड़ा गोल रडार लगा होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय हमले से हुई क्षति की सटीकता की गणना उपग्रह चित्रों के माध्यम से की गई थी। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें भारतीय हमलों में आतंकवादियों के मारे जाने की खुफिया जानकारी मिली है।

हम अपने लोगों को ही नहीं समझा पाए

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हम अपने ही लोगों को यह नहीं समझा पाए कि हमने कितना नुकसान किया है। हमें आतंकवादियों के मारे जाने की खुफिया जानकारी मिली थी। जब यह सब खत्म हुआ तो हमें खुफिया जानकारी मिली कि वे कुछ योजना बना रहे हैं, इसलिए हम उसके लिए पहले से ही तैयार थे।

हमने 9 ठिकानों पर हमले करने का फैसला लिया

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि इस बार यह बिल्कुल स्पष्ट था कि हमें इन्हें कड़ा संदेश देना था। हमने यह भी सोच लिया था कि यह लॉन्चपैड तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि आतंकी नेतृत्व को चुनौती दी जानी चाहिए। अन्य एजेंसियां भी इसमें शामिल थीं और हमने उन 9 ठिकानों पर हमला करने का फैसला किया। बहावलपुर और मुरीदके और दो मुख्यालयों को निशाना बनाया गया। इसमें तीन सेवाओं के साथ आठ एजेंसियां शामिल थीं। यह सब पहले से योजनाबद्ध था।

संघर्ष को रोकने के फैसले का समर्थन किया

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान से हुए संघर्ष को रोकने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘युद्ध में लोगों का अहंकार हावी हो जाता है। इसलिए संघर्ष बढ़ते चला जाता है। हमने एक अच्छा उदाहरण पेश किया। हमारा मकसद साफ था। हमारा मकसद आतंकियों को सबक सिखाना था, ताकि वे दुस्साहस करने से पहले दो बार सोचें और उन्हें पता चले कि उन्हें किस हद तक कीमत चुकानी पड़ सकती है।

ऐसे में एक बार जब हमने अपना उद्देश्य हासिल कर लिया, तो हमें रुकने के सभी अवसर तलाशने चाहिए, नकि संघर्ष को जारी रखना चाहिए। हमने उस रात कई बार यह सुना। मेरे कुछ बहुत करीबी लोगों ने कहा, ‘और मारना था’।

लेकिन क्या हम युद्ध जारी रख सकते हैं? हमें युद्ध क्यों जारी रखना, जब हम इसे रोक सकते हैं। राष्ट्र ने एक अच्छा निर्णय लिया। हम भी उस फैसले का हिस्सा थे, लेकिन इसे सिर्फ हम ही नहीं ले सकते थे। यह फैसला उच्च स्तर पर लिया गया। यह एक अच्छा फैसला था।’

वायु सेना प्रमुख ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय केंद्र सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति को दिया। बंगलूरू स्थित एचएएल मैनेजमेंट अकादमी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय वायु सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों पर कोई पाबंदी या दबाव नहीं था। अगर सशस्त्र बलों के रास्ते में कोई बाधा थी तो वह स्व-निर्मित थी।

सफलता का एक प्रमुख कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘सफलता का एक प्रमुख कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना था। बहुत स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति थी और हमें बहुत स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। हम पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए। अगर कोई बाधाएं थीं, तो वे स्व-निर्मित थीं। बलों ने तय किया कि नियम क्या होंगे। हमने तय किया कि हम तनाव को कैसे नियंत्रित करना चाहते हैं। हमें योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने की पूरी आजादी थी।’

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, एनएसए की भूमिका पर बोले

उन्होंने आगे बताया कि कैसे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने तीनों सशस्त्र बलों थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एक-दूसरे के साथ समन्वय करने के लिए संगठित किया। उन्होंने कहा, ‘तीनों सेनाओं के बीच समन्वय था। सीडीएस के पद ने वाकई बड़ा बदलाव लाया। वह हमें एकजुट करने के लिए थे। एनएसए ने भी सभी एजेंसियों को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई।

राहुल गांधी ने लगाए थे आरोप

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान भारत सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और इंडोनेशिया के डिफेंस अताशे कैप्टन शिव कुमार की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया था कि भारत ने अपने लड़ाकू विमान इसलिए गंवाए, क्योंकि सशस्त्र बल राजनीतिक नेतृत्व के दबाव में थे।

-ऐजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh