आगरा: सुहागरात पर पत्नी किन्नर निकली तो पति के होश उड़ गए। मामला न्यायालय तक पहुंच गया। पति की याचिका को स्वीकार कर अदालत ने सात वर्ष पूर्व हुए विवाह को शून्य घोषित कर दिया। विवाह विच्छेद के आदेश पारित किए।
मामले के अनुसार परिवार न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर वादी मुकदमा (पति) ने आरोप लगाया कि उसका विवाह 27 जनवरी 2016 को हुआ था। विवाह के बाद विपक्षी अपने मायके से विदा होकर वादी के घर आई। सुहागरात वाले दिन पता लगा कि महिला पूर्ण स्त्री नहीं हैं। उसके जननांग और ब्रेस्ट विकसित नहीं थे। जिस कारण विपक्षी के साथ सम्बन्ध बनाना संभव नहीं था। वादी मुकदमा के अनुसार वह अपने साथ हुए छल से अत्यंत व्यथित हुआ। वह बदनामी के कारण किसी को कुछ भी नहीं बता सका।
उसे डर था कि, लोग उसका और उसकी पत्नी का मजाक उड़ाएंगे। विवाह से वादी का जीवन कष्ट मय बन गया। वादी ने अपनी पत्नी का कई चिकित्सकों से लंबे समय तक इलाज कराया। लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए। वादी की पत्नी को कभी माहवारी भी नहीं हुई। मुकदमा द्वारा अपने अधिवक्ता अरुण शर्मा तेहरिया के माध्यम से परिवार न्यायालय में मुकदमा प्रस्तुत करने पर अदालत ने वादी एवं विपक्षी के मध्य हुए विवाह को शून्य घोषित कर विवाह विच्छेद के आदेश पारित किए।
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