आगरा: हरीपर्वत थाने में हर पल पहरेदारी करते रहने वाले और 14 साल से सभी के दुलारे बने भूरा की सांसें थमने पर हर पुलिसकर्मी की आंखें नम हो गईं।
भूरा को थाने में कहीं भी जाने की इजाजत थी। अधिकारी आते थे तो वह भाग कर उनको सलाम करता था। इस वजह से अधिकारियों ने भी उसे थाने में रहने की अनुमति दे रखी थी।
करीब 14 साल पहले कहीं से भटकता हुए एक कुत्ते का बच्चा थाना परिसर में आ गया था और उसने वहीं ठिकाना बना लिया। उस समय के पुलिसकर्मियों ने भी दया दिखाई और उसे थाने में ही पनाह दे दी। फिर तो भूरा वहीं का होकर रह गया। एक पूर्व थाना प्रभारी ने उसका नामकरण कर दिया था- “भूरा।” वह अपने नाम को भी खूब पहचानने लगा था। धीरे-धीरे बड़ा हुआ भूरा हवालात हो या फिर मुंशी कार्यालय, सभी में चहलकदमी करता रहता था। छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी तक के साथ घूमता था।
थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि गुरुवार को चौराहे पर तेज रफ्तार कार निकली। उसने भूरा को टक्कर मार दी। भूरा भाग कर थाना कार्यालय में आया। लेकिन इसके कुछ ही समय बाद उसकी सांसें थम गईं। जब पुलिसकर्मियों को पता चला तो सभी की आंखें नम हो गईं। गमगीन माहौल में कुत्ते का पालीवाल पार्क में एक स्थान पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामले में कार चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
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