फिरोजाबाद के निकट थार गाड़ी में मिला था युवक का शव
आगरा: शहर के 24 वर्षीय कोचिंग संचालक धर्मवीर का मर्डर करोड़ों की प्रॉपर्टी के लिए हुआ था। हत्या उसके जीजा योगेश ने अपने दो सगे भाइयों के साथ मिलकर की थी। योगेश के बड़े भाई राजेश ने पूरी घटना को लीड किया था। धर्मवीर को मारने के बाद उसने योगेश को फोन पर इसकी जानकारी भी दी थी।
धर्मवीर अपने घर का अकेला वारिस था। उसने हाल ही में अपनी एक करोड़ की जमीन बेची थी। उसी संपत्ति को हड़पने के लिए जीजा योगेश ने उसकी हत्या अपने भाइयों से करवाई। घटना के समय धर्मवीर का जीजा योगेश पुणे में था। वह फोन पर ही सारी चीजों को ऑपरेट कर रहा था।योगेश का छोटा भाई अक्षय घटना को अंजाम देने के लिए भोपाल से आया था। बड़ा भाई राजेश शहर में ही था। योगेश और अक्षय दोनों सेना में नौकरी करते हैं।
कोचिंग संचालक धर्मवीर की 29 जुलाई को फिरोजाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव उसकी थार गाड़ी में मिला था।
राजेश ने पुलिस को बताया, “योगेश की शादी में धर्मवीर ने लगभग 50 लाख रुपये खर्च किए थे। उसके पास काफी पैसा और जमीन थी। उसकी छोटी बहन की शादी मेरे भाई अक्षय से तय हो रही थी। बड़ी बहन पहले ही हमारे घर पर है। ऐसे में हम भाइयों के मन में ख्याल आया कि अगर हम धर्मवीर को मार दें, तो सारी प्रॉपर्टी हमारी हो जाएगी। जिसके बाद हम लोगों ने पूरा प्लान तैयार किया।”
उसने बताया, “प्लान के तहत मैंने छोटे भाई अक्षय को भोपाल से बिना टिकट के आगरा बुला लिया। अक्षय अपनी यूनिट में बिना बताए आगरा आया था। योगेश को मैंने नहीं बुलाया, क्योंकि उसको आने में समय लगता। अक्षय 28 जुलाई की रात को आगरा स्टेशन आ गया। उसने तमंचा भोपाल में ही खरीद लिया था।
अक्षय ने धर्मवीर को स्टेशन लेने के लिए बुलाया। उसके बाद दोनों फिरोजाबाद जाने वाली रोड से थार गाड़ी से घर जा रहे थे। मैं अपाचे गाड़ी से थार के पीछे-पीछे चल रहा था। हम लोगों ने घर पर नहीं बताया था कि अक्षय आ रहा है। धर्मवीर की गाड़ी अक्षय चला रहा था।”
राजेश ने पुलिस को बताया, ”कुछ दूर चलने के बाद अक्षय ने टॉयलेट जाने के लिए गाड़ी को नगला सिंघी क्षेत्र के ग्वारई गांव के पास रोक दिया। वह गाड़ी से उतर कर पीछे की साइड चला गया और गाड़ी के सारे लॉक खोल दिए। उसके बाद मैंने थार के बगल में अपनी गाड़ी रोकी और दरवाजे को बाहर से खोल दिया।
धर्मवीर कुछ समझ पाता, इतनी देर में अक्षय ने गोली चला दी। गोली सीधे धर्मवीर के माथे के बीच में जाकर लगी। उसके बाद मैंने भी गोली चलाई, लेकिन गोली दूसरी साइड से बाहर निकल गई। धर्मवीर के सिर से बहुत खून निकल रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी। मैंने बिना देरी के अक्षय को अपनी बाइक पर बैठाया और हम लोग स्टेशन की ओर निकल गए। स्टेशन पर मैंने पहले से ही अपनी स्प्लेंडर गाड़ी को पार्किंग में लगा रखा था। मैं वहां से स्प्लेंडर गाड़ी लेकर घर की ओर निकल गया।”
उसने बताया, “मैंने योगेश को बताया कि बोला काम हो गया है। खबर मिलने पर तुम आ जाना। उसके बाद मेंने हत्या करने में प्रयुक्त दोनों तमंचों को भीकनपुर के जंगल में एक ट्यूबवेल के बराबर झाड़ियों में छिपा दिया। फिर घर वापस आ गया। इस घटना की प्लानिंग हम तीनों भाइयों ने करीब 10 दिन पहले ही कर ली थी।”
थानाध्यक्ष कृपाल सिंह का कहना है, हमने शक के आधार पर राजेश को हिरासत में लिया था। हमें सूत्रों से जानकारी मिली थी कि इस घटना के पीछे राजेश और उसके दोनों भाई शामिल हो सकते हैं। जब हमने सख्ती से राजेश से पूछताछ की, तो उसने सारा सच बता दिया। तीनों भाइयों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
अक्षय ने कोचिंग संचालक धर्मवीर यादव के सिर में बीचोबीच में गोली मारी थी। धर्मवीर का शव सड़क किनारे खड़ी उसकी थार गाड़ी में मिला था। इस गाड़ी को उसने 12 दिन पहले खरीदा था। ड्राइवर की बगल वाली सीट पर शव था। सीट बेल्ट भी लगी थी। कोचिंग संचालक धर्मवीर यादव आगरा के ताजगंज का रहने वाला था। भगवान टॉकीज के पास यादव कोचिंग के नाम से वह कोचिंग चलाता था।
धर्मवीर खुद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसके पिता की मौत दो साल पहले सड़क हादसे में हो गई थी। धर्मवीर ने तीन महीने पहले ही अपनी बड़ी बहन उमा की शादी योगेश से की थी। धर्मवीर की छोटी बहन की शादी की बात अक्षय से चल रही थी।
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