-गरीब सेवा प्रमुख बाल योगी के नेतृत्व में बेशकीमती जमीनी विवाद में दोषियों को क्लीन चिट के विरोध में पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन
आगरा। शुक्रवार को गरीब सेना प्रमुख बाल योगी के नेतृत्व में पुलिस आयुक्त को बोदला स्थित टहल सिंह की बेशकीमती जमीन पर खड़े हुए विवाद तथा सीबी सीआईडी की रिपोर्ट में किस तरीके से मुख्य आरोपियों को क्लीन चिट देने की बात को कहा गया है के विरोध में एक ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि मौजा खतैना बोदला की बहुचर्चित टहल सिंह की जमीन का प्रकरण जिस जमीन के चक्कर में बहुत सारे खेल हुए हैं। यहां जहां पर गरीबों को झूठे मुकदमों में फसाया गया है वहीं पर भू माफियाओं के द्वारा जमीन पर कब्जा करके अवैध रूप से डकैती भी डाली गई थी और अपने गुंडों के साथ गुंडागर्दी के आधार पर पुलिस और तहसील के अधिकारियों को साथ में मिलाकर जमीन हड़पने की साजिश रची गई थी। जिसमें पुलिस के अधिकारी शामिल थे और उनको जेल भी जाना पड़ा यहां पर अवैध रूप से शराब और गांजा लाया गया जिसका आज तक पता नहीं चल पाया कि यह शराब और गांजा लाया कौन था ? इनका किन से संबंध है ? क्योंकि लगातार ऐसा महसूस हो रहा है कि पूरे प्रकरण को दबाने और खत्म करने का कार्यक्रम किया जा रहा है। लग यह रहा है सब अपना अपना हिस्सा लेकर अलग हट जाना चाहते हैं यहां पर पुलिस, आबकारी विभाग, तहसील, नगर निगम और भूमाफियाओं का एक रैकेट काम कर रहा था जो मिलजुल कर जमीन पर कब्जा करना चाहता था और अब सीबीसीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में जमीन के अधिकार को नेम कुमार जैन से जोड़ने का प्रयास करा है जिससे शक और गहराता है कि यह कुछ महीने पहले मंत्री जी की प्रेस वार्ता को अक्षर रूप दिया गया है ? जबकि टाइटल का निर्धारण करना केवल माननीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में होना चाहिए यहां उससे पहले ही निर्धारित हो रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि जैसे कि पूर्व में सांसद राजकुमार चाहर ने जमीन को कुर्क करने की बात को कहा था उन्होंने कहा था कि 145 करके जमीन को सरकार के हक में दर्ज कर जाना चाहिए और जिसका टाइटल सिद्ध हो जाएगा वह न्यायालय की प्रक्रिया से अपना अधिकार पा ले।
निवेदन है की पूर्व में इतनी बड़ी साजिश शहर में रची गई और दोषी व्यक्ति चाहे वह कमल चौधरी, धीरू चौधरी, पुरुषोत्तम पहलवान, किशोर बघेल और अन्य साथी उनके साथ थे जिनको थाना जगदीशपुर में मुकदमा संख्या 12 दिनांक 7 जनवरी 2024 को नाम जद किया गया था। वह सीबीसीआईडी की रिपोर्ट से लगता है जो अखबार में लगातार प्रकाशित हो रही है की सब बेगुनाह है सबको बचाया गया है इन सब के खिलाफ ठोस सबूत पुलिस के पास थे उसके बावजूद भी यह खुलेआम घूम रहे हैं।
बिना किसी अपराध के 60 दिन जेल में रहकर आया 4 साल का मासूम आर्यन
ज्ञापन में कहा गया है कि एक चार साल का बच्चा आर्यन कुशवाहा जो अपनी मां के साथ बिना किसी अपराध के 60 दिन जेल में रहकर आया है। उसकी मां को शराब की तस्करी और गंजे की अपराध में फंसाया गया था। पूरे प्रकरण की नई सिरे से जांच कर कर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें और दोषियों को जेल में डालने का काम करें।
ज्ञापन को लेने के बाद पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने इस पूरे प्रकरण में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। इस दौरान प्रमुख रूप से बाल योगी, कपिल बाजपेई, कृष्ण गोपाल उपाध्याय, रामसेवक धाकरे, इरफान सैफी, गौरव बघेल, बिट्टू पंडित, मुरली बाबा, मनोहर सिंह, पीड़ित महिला पूनम और पुष्पा तथा पीड़ित बालक चार वर्षीय आर्यन तथा अन्य कार्यकर्ता साथ में रहे।
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