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आगरा: मेडिकल स्टूडेंट्स की कॉपियां बदले के प्रकरण की जांच ईडी कर रही है। ये मामला 27 अगस्त 2022 को प्रकाश में आया था। विश्वविद्यालय का एक आउटसोर्स कर्मचारी बीएएसएस की कॉपियों के साथ पकड़ा गया था। तत्कालीन डीसीपी सिटी विकास कुमार ने कॉपी बदले जाने की सूचना पर जांच की तो कॉपियों के बंडल से 250 कॉपियां गायब मिलीं। इसके साथ ही 14 कॉपियां ऐसी मिलीं जो कि बदली गई थीं। पूछताछ में कई लोगों के नाम सामने आए जिन्हें हरीपर्वत थाना पुलिस ने जेल भेजा था। इसके बाद एसआईटी, सीबीआई और फिर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि एक आउटसोर्स कर्मचारी को इतना महत्वपूर्ण गोपनीय कार्य किसने सौंप दिया जो कि नोडल सेंटरों से छात्रों की कॉपियां लेकर आ रहा था।
बीते शुक्रवार की शाम को ईडी की टीम ने विश्वविद्यालय में रेड की थी। विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर से 300 संदिग्ध कॉपियों को ईडी की टीम अपने साथ ले गई है। इस प्रकरण में ईडी की टीम ने विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों से रातभर पूछताछ की और सुबह छह बजे टीम रवाना हो गई।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े की फेहरिस्त बहुत लंबी है। यही वजह है कि कई कुलपति और अधिकारियों के खिलाफ कई मामलों भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। फिलहाल बात करते हैं मेडिकल स्टूडेंट्स की कॉपियों के बदले जाने की। जिसकी जांच ईडी कर रही है। बीते शुक्रवार की शाम को ईडी की टीम ने विश्वविद्यालय में रेड की थी। विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर से 300 संदिग्ध कॉपियों को ईडी की टीम अपने साथ ले गई है। इस प्रकरण में ईडी की टीम ने विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों से रातभर पूछताछ की और सुबह छह बजे टीम रवाना हो गई।
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