आगरा: थाना शाहगंज क्षेत्र में हाल ही में उजागर हुए धर्मांतरण गैंग के मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। इस गैंग के आठ आरोपियों को जेल भेजे जाने के बाद अब यह खुलासा हुआ था कि पंजाब के अंबाला निवासी पास्टर कंचन मित्तल इस पूरे प्रकरण की मास्टरमाइंड है। बावजूद इसके, शाहगंज पुलिस अब तक उसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है।
पुलिस रिमांड में मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी ने कबूल किया था कि धर्मांतरण के पीछे कंचन मित्तल का हाथ है। पुलिस उसे लेकर अंबाला तक गई थी, लेकिन कंचन मित्तल को भनक लगते ही वह अपने ठिकानों से फरार हो गई थी।
अब धर्मांतरण मामले के वादी घनश्याम हेमलानी और विश्व हिंदू परिषद–बजरंग दल के पदाधिकारियों ने शाहगंज पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
शाहगंज स्थित सत्तो लाला फूड कोर्ट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजरंग दल के प्रांत संयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी ने कहा कि “आगरा ही नहीं, पूरे देश में भोलेभाले हिंदू परिवारों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। पुलिस सिर्फ छोटे आरोपियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि असली सूत्रधार—पास्टर कंचन मित्तल—अब भी आज़ाद घूम रही है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर पुलिस ने धर्मांतरण गैंग के मास्टरमाइंड पर कार्रवाई नहीं की, तो बजरंग दल सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।
एसटीएफ जांच की मांग
प्रांत संयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी ने इस पूरे मामले की एसटीएफ या किसी उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की। वहीं, वादी घनश्याम हेमलानी ने कहा कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर धर्मांतरण नेटवर्क की गहन जांच की मांग करेंगे।
वायरल हुआ शांति महोत्सव का पोस्टर
सोशल मीडिया पर कंचन मित्तल द्वारा जारी “शांति महोत्सव” का पोस्टर वायरल होने के बाद मामले में नई हलचल मच गई है। पोस्टर में 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक “दुखियों और बीमारों की समस्या समाधान के लिए विशेष प्रार्थना” और “निःशुल्क भोजन” की घोषणा की गई थी।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यही “शांति सभा” धर्मांतरण का माध्यम है, जहां गरीब और जरूरतमंद परिवारों को लालच देकर धर्म बदलवाया जाता है।
आगरा की महिला आरोपी पर भी कार्रवाई नहीं
धर्मांतरण मामले में शामिल आगरा निवासी ज्योति नाम की महिला अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। सूत्रों के अनुसार, उसका मोबाइल फोन शाहगंज पुलिस के पास है, फिर भी उसकी गिरफ्तारी या पूछताछ नहीं की गई है।
गवाहों ने जताया असंतोष
कॉन्फ्रेंस में घनश्याम हेमलानी और दिग्विजय नाथ तिवारी ने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए अंबाला शांति सभा के पोस्टर भी मीडिया को दिखाए। उन्होंने कहा कि जब धर्मांतरण की मास्टरमाइंड की पहचान हो चुकी है, तो कार्रवाई में देरी समझ से परे है।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे:
दिग्विजय नाथ तिवारी, सुनील करमचंदानी, घनश्याम हेमलानी, पंडित रतन गौतम, दिलीप सिंह तोमर, मस्तु, अरुण पाराशर, डॉन, राकेश चाहर, रोबिन सिंह तोमर, किशोर तेजनानी, राजा केसवानी, मनीष लालचंदानी, अनूप भोजवानी, रिंकू पाराशर, रवि त्रिलोकानी, शिवम शिवहरे, गुड्डू रावत सहित कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और गवाह मौजूद रहे।
— रिपोर्ट: up18 न्यूज़, आगरा
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