दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले रेलवे मार्गों का रहा प्रमुख केंद्र
आगरा। देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक आगरा मंडल के आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन का आज 151 वाँ स्टेशन महोत्सव दिवस मनाया गया। आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन की स्थापना सन 1874 में हुई थी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल, विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यसभा सदस्य नवीन जैन एवं मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल थे। कार्यक्रम का उद्देश्य स्टेशन के इतिहास और स्टेशन के बारे में जागरूकता बढाना रहा।
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर कार्यक्रम की शुरुआत से पहले पहलगाम मृतकों को एक मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई। स्टेशन महोत्सव द्वारा आगरा किला रेलवे स्टेशन की स्थापना के 151 वर्षों के समृद्ध इतिहास को याद किया गया। एलईडी पर स्टेशन महोत्सव के दौरान स्टेशन के इतिहास और स्टेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रस्तुतीकरण वीडियो प्रदर्शित किया गया, जिसमे आगरा फोर्ट स्टेशन के प्राचीन फोटो व जानकारी आदि प्रदर्शित की गई।
मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं सांसद नवीन जैन और मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल द्वारा स्टेशन महोत्सव कार्यक्रम पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में बताया गया कि शताब्दी के दौरान आगरा फोर्ट स्टेशन पर अनेकों परिवर्तन हुए हैं। नई ट्रेनें, बेहतर यात्री सुविधाएं और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग भी हुआ है।आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन 18वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश काल में बनाया गया था। यह स्टेशन विशेष रूप से राजपूताना-मालवा रेलवे के हिस्से में आया, तब राजस्थान और मध्य भारत के क्षेत्रों को आगरा से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में था।
इस रेलवे लाइन ने व्यापार और यात्रा को सुगम बनाया। जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। स्टेशन की वास्तुकला, जिसकी विशेषता लाल बलुआ पत्थर का अग्रभाग और धनुषाकार बरामदे हैं, जो औपनिवेशिक डिजाइन और स्थानीय मुगल प्रभावों का मिश्रण दर्शाती है। यह पास के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों जैसे ताज महल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी की वास्तुशिल्प भव्यता को प्रतिध्वनित करती है।
आगरा फोर्ट स्टेशन दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले रेलवे मार्गों का प्रमुख केंद्र रहा है।स्वतंत्रता पूर्व काल में यह स्टेशन ब्रिटिश सेना और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक बेस था। आगरा में पहली मीटर गेज 1 रेलवे लाइन भरतपुर से आगरा फोर्ट तक बनाई गई, जिसे राजपूताना रेलवे ने 11 अगस्त, 1873 में बनाया। फिर विस्तार करते हुए 1874 में दिल्ली से बांदीकुई तक बढ़ाया गया। यह भारत के उन स्टेशनों में से एक था, जहां ब्रॉड और मीटर गेज दोनों थे। जब तक कि जयपुर जाने वाली लाइन को ब्रॉड गेज में परिवर्तित नहीं किया गया। आज आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन सिर्फ वास्तुकला में नहीं बल्कि उन लोगों की यादों में भी संरक्षित है, जिन्होंने दशकों से इसके प्लेटफार्मों से यात्रा की है।
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन आगरा शहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। वर्तमान में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत फोर्ट रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यकरण का कार्य चल रहा है। इन कार्यों की अनुमानित लागत लगभग 15.40 करोड़ रुपए है। इन कार्यों में यात्रियों को उच्च स्तर सुविधाओं, स्वच्छता, डिजिटल डिस्प्ले, बेहतर प्रतीक्षालय और यात्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में बड़े सुधार किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर रेलवे की सांस्कृतिक टीम द्वारा स्टेशन के इतिहास पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
इस कार्यक्रम में अपर मंडल रेल प्रबंधक प्रनव कुमार ,मंडल के शाखा अधिकारी, जेडआरयूसीसी सदस्य एवं डीआरयूसीसी सदस्य, स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य, कुली, क्षेत्रीय जनता और कर्मचारी गण की मौजूदगी में स्टेशन महोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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