आगरा शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 7 आवास विकास कालोनी सिकंदरा में श्री आदिनाथ भगवान जी का अभिषेक हुआ एवं शांतिधारा हुई। इसके बाद क्षमावाणी पर्व मनाया गया। इसके बाद श्री शांतिनाथ भगवान जी की आरती 108 दीपकों से हुई बड़ी धूमधाम से हुई। जलयात्रा जैन मंदिर से बैण्डबाजों के साथ श्रद्धालुओं ने भक्ति की और शिवालिक कैम्ब्रिज स्कूल से होते हुए जैन मंदिर पर समाप्त हुई।
पंडित आशुतोष शास्त्री जी ने कहा जिनवाणी का चित्रण कराया जाता है, से कहा जब तक मन की कटुता दूर नहीं होगी, तब तक क्षमावाणी पर्व मनाने का कोई अर्थ नहीं है अत: जैन धर्म क्षमाभाव ही सिखाता है। हमें भी रोजमर्रा की सारी कटुता, कलुषता को भूलकर एक-दूसरे से माफी मांगते हुए और एक-दूसरे को माफ करते हुए सभी गिले-शिकवों को दूर कर क्षमा-पर्व मनाना चाहिए।दिल से मांगी गई क्षमा हमें सज्जनता और सौम्यता के रास्ते पर ले जाए। इस क्षमा-पर्व पर हम अपने मन में क्षमाभाव का दीपक जलाएं और उसे कभी बुझने न दें ताकि क्षमा का मार्ग अपनाते हुए धर्म के रास्ते पर चल सकें। अत: हम दोनों ही गुण स्वयं में विकसित करें, क्योंकि कहा जाता हैं कि माफी मांगने से बड़ा माफ करने वाला होता है।
आरती के बाद विधान समापन के बाद पर्यूषण पर्व 2024 का समापन समारोह आयोजित है। इसमें दश लक्षण पर्व पर प्रतिदिन सांयकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली समस्त संस्थाओं . त्यागी वृत्ति सम्मान तथा सम्यगदर्शन महिला मंडल, शांतिनाथ पाठशाला, जैसवाल उपरोचिया, सखी बहु मण्डल, जैन समाज, जैन मिलन सिद्धार्थ, शांतिनाथ महिला मंडल, शांतिनाथ युवा मंच,जैन मिलन अहिंसा,सखी महिला मंडल, रंगोली व थाल सजाओ प्रतियोगिता के प्रतिभागियों, सुधा सागर जी महाराज के शिविर के शिविरार्थियौ का सम्मान किया गया l
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