नई दिल्ली। भारतीय सेना में नई भर्ती को लेकर लाए गए ‘अग्निपथ योजना’ के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन और आगजनी के इतर उठते सवालों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इसे देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आखिर क्यों इस वक्त मोदी सरकार को इस तरह का कदम उठाना पड़ा. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने समाचार एजेंसी एएनआई से मंगलवार को बातचीत करते हुए कहा कि आज पड़ोस के हालात बदल रहे हैं. ऐसे में ‘अग्निपथ’ सिर्फ एक योजना ही नहीं है, बल्कि इसे भविष्य को देखकर लाया गया है.
आठ साल में काफी स्ट्रक्चरल सुधार
उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में काफी स्ट्रक्चरल सुधार हुए हैं. 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था. राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था. आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है. उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर की सुरक्षा को लेकर हमलोग चिंतित है. रेजिमेंट के सिद्धांत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी.
एनएसए ने कहा कि अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे. बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा, जो अग्निवीर नियमित होंगे(4 साल बाद) उन्हें घनिष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी.
– एजेंसी
- आगरा में मोदी की सभा 25 अप्रैल को, सांसद नवीन जैन ने आम नागरिकों को दिए वीआईपी पास - April 24, 2024
- ताजमहल को हरा और काला होने से बचाएगी यमुना का डिसिल्टिंग - April 24, 2024
- आगरा के केसी जैन एडवोकेट ने तो अपना काम कर दिया, ये सरकारी शेर कब करेंगे - April 24, 2024