Agra, Uttar Pradesh, India. ‘‘आगरा में माध्यमिक शिक्षा परिशद् उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय कार्यालय की आवश्यकता: औचित्य, प्रयास और सुझाव’’ विषय पर नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा में परिचर्चा आयोजित की गई। राजकीय इण्टर कॉलेज, आगरा के पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षाविद रामनाथ गौतम ने अध्यक्षता की। परिचर्चा में बताया गया कि यूपी के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने क्षेत्रीय कार्यालय आगरा के स्थान पर गोरखपुर भेज दिया है। फिर सर्वसम्मति से तय हुआ कि डॉ. दिनेश शर्मा जब भी आगरा आएंगे, उनका विरोध और घिराव किया जाएगा। इसलिए डॉ. दिनेश शर्मा आगरा आने से पहले सोच लें। रामनाथ गौतम ने कहा कि डॉ. दिनेश शर्मा को घिराव होगा तो इसका संदेश दूर तक जाएगा।
परिचर्चा में संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं संयोजक डॉ. देवी सिंह नरवार ने बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना हेतु पिछले 21 वर्षों के संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. नरवार ने बताया कि 30 सितम्बर 1921 को माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश की स्थापना हुई, जिसका मुख्यालय इलाहाबाद बनाया गया। बोर्ड की पहली परीक्षा वर्ष 1923 में हुई, जिसमें 5655 परीक्षार्थी हाईस्कूल तथा मात्र 89 परीक्षार्थी इण्टर परीक्षा में सम्मिलित हुए। परीक्षार्थियों की संख्या में निरन्तर उत्तरोत्तर वृद्धि के फलस्वरूप वर्ष 2021 की परीक्षा में लगभग 30 लाख हाईस्कूल तथा 26 लाख इण्टरमीडिएट के इस तरह कुल लगभग 56 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित होने जा रहे हैं। परीक्षार्थियों के बोझ के कारण बोर्ड का विकेन्द्रीकरण कर मेरठ, बनारस, बरेली, इलाहाबाद (प्रयागराज) तथा गोरखपुर में पांच क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किये गये हैं। बोर्ड के 100 वर्ष पूरे होने आगरा में यदि क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना होती है तो यह यूपी बोर्ड के लिए गौरव की बात होगी।

डॉ. नरवार ने बताया कि आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना हेतु 05 मार्च 1999, 11 जून 2001 तथा 28 अगस्त 2017 को प्रस्ताव शासन को भेजे गये। आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, औरेया, कन्नौज, इटावा, झांसी, जालौन (उरई), ललितपुर आदि 15 जनपदों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है। जनप्रतिनिधियों, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों आदि के माध्यम से दर्जनों ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित जा चुके हैं। एत्मादपुर के विधायक राम प्रताप सिंह चौहान द्वारा उ0प्र0 विधानसभा में प्रश्न उठाया जा चुका है। बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, आगरा के परिसर में स्थित पुराना बी0टी0सी0 छात्रावास के 30 कक्षों को चिन्हित किया गया है। फिर भी यहां का कार्यालय गोरखपुर भेज दिया गया।
संचालन करते हुए महामंत्री डॉ. योगेन्द्र सिंह ने कहा कि निजी स्कूल सहयोग नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनकी ऊपरी कमाई का नुकसान है। दूसरी मार्कशीट लेने की फीस 40 रुपये है, लेकिन इसे लेने में 4000 रुपये खर्च हो जाते हैं। आगरा में कार्यालय बना तो हर किसी को लाभ होगा।

शिक्षाविद एवं पत्रकार डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि आगरा में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के खुल जाने से एक बड़े क्षेत्र के छात्रों, अभिभावकों तथा अध्यापकों को लाभ मिलेगा। एकजुट होकर हमें संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने आगरा और अलीगढ़ मंडल को मिलाकर बृज प्रदेश निर्माण का सुझाव दिया। शिक्षक नेता फूल सिंह सिकरवार ने हर तरह के सहयोग का वचन दिया।
प्राचार्य डॉ. देव प्रकाश शर्मा ने आगरा, अलीगढ़ तथा कानपुर मण्डल के विभिन्न जनपदों में गोष्ठियाँ करने का सुझाव दिया। डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा ने माँग के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम पोस्ट कार्ड भेजने का सुझाव दिया। बहुजन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह जाटव ने जारी आन्दोलन को पूर्ण सहयोग और समर्थन देने की घोषणा की। डॉ. कुन्जिल सिंह चाहर ने संघर्ष समिति के पुनर्गठन पर जोर दिया।

परिचर्चा में डॉ. संजय जैन, डॉ. श्वेता चौधरी, प्रेम सिंह सोलंकी, डॉ. अनिल वशिष्ठ, गुंजन आर्या, सत्यवीर सिंह रावत, जयसिंह कुशवाह, सुरेन्द्र चौधरी, हरी किशन आनन्द, ब्रज किशोर सिंह, जगदीश प्रधान तथा डॉ. राकेश चौधरी ने विचार व्यक्त किए। समन्वयक सत्यवीर सिंह रावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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