नई दिल्ली: इस साल 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। इस दिन एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पर एक पूर्ण ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा।
यह ग्रहण 30 साल बाद शरद पूर्णिमा के दिन लग रहा है। इससे पहले 1993 में शरद पूर्णिमा के दिन ग्रहण लगा था। इस ग्रहण को आंशिक ग्रहण कहा जाएगा। ग्रहण की शुरुआत शाम 4:05 बजे होगी और समाप्ति रात 2:30 बजे होगी। ग्रहण का मध्य रात 1:05 बजे होगा।
ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाएगा। इससे चंद्रमा का आकार कम हो जाएगा और वह लाल रंग का दिखाई देगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा की रोशनी में ग्रहण की छाया दिखाई देगी।
ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। इसे नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। हालांकि, ग्रहण को देखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।
इस ग्रहण का धार्मिक महत्व भी है। हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं।
ग्रहण के दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्रहण के दौरान भोजन, पानी और दवा नहीं लेनी चाहिए। ग्रहण के दौरान सोना भी अशुभ माना जाता है। ग्रहण के बाद स्नान करके पूजा-पाठ करना चाहिए।
यह ग्रहण भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, चीन, जापान, रूस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा।
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