आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड बेहद कम समय में पहले रिसीविंग सब स्टेशन को शुरू कर उपलब्धि हासिल कर चुका है। इसके बाद अब यूपी मेट्रो द्वारा प्रीकास्ट तकनीक के जरिए आईएसबीटी स्थित 132 केवी रिसीविंग सब स्टेशन की छत का निर्माण किया जा रहा है। आगरा मेट्रो परियोजना पहली मेट्रो परियोजना है जहां प्रीकास्ट तकनीक के जरिए आरएसएस की छत का निर्माण किया जा रहा है।
बता दें कि 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली आगरा मेट्रो ट्रेनें संचालन हेतु थर्ड रेल का प्रयोग करेंगी। आगरा मेट्रो के 29.4 कि. मी. लंबे दोनो कॉरिडोर एवं डिपो परिसर में थर्ड रेल बिछाई जाएगी
यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार के बताया कि आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेंगी। इस प्रणाली में पारुंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्युपमेंट) प्रणाली की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल (पटरी) का प्रयोग किया जाता है। 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली आगरा मेट्रो ट्रेनें संचालन हेतु इसी थर्ड रेल का प्रयोग करेंगी।
रिसीविंग सब स्टेशन से थर्ड रेल को मिलेगी बिजली
आगरा मेट्रो के 29.4 लंबे दो कॉरिडोर के लिए कुल तीन रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) का निर्माण किया जाना है। डिपो परिसर में पहला आरएसएस डिपो एवं ऐलिवेटेड भाग में ऊर्जा प्रदान कर रहा है। वहीं, आईएसबीटी के निकट दूसरे आरएसएस की बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है।
ऐसे काम करता है रिसीविंग सब स्टेशन
आगरा मेट्रो ट्रेन के संचालन हेतु सबसे पहले ग्रिड से 132 केवी की सप्लाई ली जाएगी। इसके बाद रिसीविंग सब स्टेशन में लगे स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 132 केवी की सप्लाई को 33 केवी में बदला जाएगा। इस चरण के बाद 33 केवी की सप्लाई को टीएसएस (ट्रेक्शन सब स्टेशन) में लगे ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर की मदद से 750 वोल्ट डीसी में बदलकर ट्रेन संचालन हेतु दिया जाएगा। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनों में लगे एस्कलेटर्स, लाइटिंग, लिफ़्ट्स, एयर-कंडीशनिंग सिस्टम आदि सिस्टमों के संचालन हेतु 33 केवी की सप्लाई को 440 वोल्ट में परिवर्तित किया जाएगा।
बिजली का उत्पादन भी करेगी आगरा मेट्रो
आगरा मेट्रो ट्रेनें रीजेनेरेटिव प्रणाली के जरिए बिजली का उत्पादन करेंगी। दरअसल, पारंपरिक अथवा मिकैनिकल ब्रेकिंग प्रणाली में गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक शू का प्रयोग किया जाता है, जबकि इस प्रणाली में ब्रेकिंग के दौरान व्हील पर ब्रेक शू के रगड़ने से ऊष्मा (हीट एनर्जी) उत्पन्न होती है, लेकिन आगरा मेट्रो ट्रेनों में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। इस प्रणाली के जरिए इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से ट्रेन को रोका जाएगा। रीजेनेरेटिव प्रणाली के जरिए उत्पादित बिजली को ट्रेन के विभिन्न सिस्टमों को चलाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
- Agra News: स्विमिंग पूल में नहाने गए बच्चे का शव बोरे में बंद मिला, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, पुलिस जांच में जुटी - June 18, 2025
- Agra News: पिनाहट में चंबल नदी पर बना पौंटून पुल हटाया गया, यात्रियों के लिए पीडब्ल्यूडी ने शुरू की फ्री स्टीमर सेवा - June 18, 2025
- Agra News: लॉयंस क्लब प्रयास ने जिला कारागार में महिला बंदियों के लिए प्रदान की आवश्यक वस्तुएं - June 18, 2025