आगरा। ताज महल की 500 मीटर की परिधि के अंदर के विषय को लेकर डॉक्टर जी एस धर्मेश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला। योगी आदित्यनाथ ने बहुत गंभीरता पूर्वक पूरे विषय को जाना और पूछा विशेष रूप से क्या इस प्रकरण में आगरा विकास प्राधिकरण पार्टी थी। सीएम को इस संबंध में अवगत कराया गया कि आगरा विकास प्राधिकरण की ओर से कोई भी अधिवक्ता इस प्रकरण में 26 सितंबर सुनवाई के दिन उपस्थित नहीं था। इस कारण से न्यायालय के समक्ष सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके। सर्वोच्च न्यायालय ने 500 मीटर के अंदर के सभी व्यापारिक गतिविधियों पर को हटाने का आदेश निर्गत कर दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने योगी को यह अवगत कराया कि 71 दुकानों का प्रकरण जो कि कृषि भूमि पर अपने ठेल लगाते थे व सैकड़ों साल से विधिक रूप से व्यापार कर रहें है। इन दोनों में कोई समानता नहीं है। अतः संविधान का आर्टिकल 14 प्रभावी नहीं होता है।
वहीं दूसरी ओर आर्टिकल 39 के अंतर्गत हजारों दुकानदारों की रोजी रोटी बन्द हो जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस प्रकरण में जब तक सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय न आये तब तक दुकानदारों के विरुद्ध कोई कार्यवाही न की जाए। मुख्यमंत्री से वार्ता के आधार पर यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि आगरा विकास प्राधिकरण अब इस प्रकरण में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रस्तुत करेगा और दुकानदारों को इस संबंध में निश्चित रूप से न्याय मिलेगा।
डॉक्टर जी एस धर्मेश विधायक के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक केशो मेहरा, ताज डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह, रमाकांत सारस्वत, एडवोकेट शालिनी शर्मा और संजय अरोरा आदि शामिल रहे।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले पर मंडलायुक्त से रिपोर्ट तलब की
ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यवसायिक गतिविधियों को बंद करने के आदेश पर फौरी तौर पर राहत मिलने के संकेत मिले हैं। प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले पर मंडलायुक्त से रिपोर्ट तलब की है।
ताजमहल संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने छावनी क्षेत्र के विधायक डा.जी.एस. धर्मेश के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इसके बाद मामले की गंभीरता समझते हुए मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त से रिपोर्ट तलब की। रिपोर्ट में वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा गया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर आगरा विकास प्राधिकरण कार्रवाई के प्रति शिथिलता बरत सकता है। अनुमान है कि आगरा विकास प्राधिकरण कोर्ट के फैसले को लागू कराने को लेकर कुछ और मोहलत दे सकता है। दिवाली से पहले व्यापारियों को फौरी राहत मिल सकती है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर आगरा विकास प्राधिकरण ने ताजमहल के पांच सौ मीटर दायरे में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों को बंद करने के लिए 17 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है। यह समय सीमा सोमवार को समाप्त हो रही है।
इस बीच ताजमहल संघर्ष समिति ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की है। इस पुनर्विचार याचिका में आगरा विकास प्राधिकरण भी अब अपना पक्ष रखेगा।
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