Agra, Uttar Pradesh, India. वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात ख्याति प्राप्त एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि 24 फरवरी 2022 से रूस-यूक्रेन में पिछले 2 माह से लगातार चल रहे युद्ध से उथलपुथल का एक अज्ञात भय का वातावरण पूरे विश्व के साथ-साथ सबसे अधिक सम्पूर्ण यूरोप में व्याप्त हो गया है। वर्तमान में अप्रैल माह में गोचरीय परिवर्तन के ग्रहों के अनुसार 15 अप्रैल 2022 से लेकर 15 मई 2022 तक ब्रिटेन और अमेरिका के लिए सबसे ज्यादा विध्वंसक और नकारात्मक समय चल रहा है। गोचरीय परवर्तित चाल में वर्तमान में शासन का कारक ग्रह सूर्य और जहरीली गैसों एवं मिसाइलों का कारक ग्रह छाया ग्रह राहु अर्थात दोनों ही एक दूसरे के जानी दुश्मन ग्रह एक साथ युति बनाकर वर्तमान में मेष राशि में ब्रह्मांड में गोचर में स्थित हैं। जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान की विपरीत परिस्थितियों में सबसे ज्यादा महासंकट इन दोनों ग्रहों की एक साथ युति के कारण नकारात्मक स्थिति ब्रिटेन और अमेरिका के लिए ज्यादा है।
13 अप्रैल 2022 से एक वर्ष के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चन्द्र राशि तुला पर से ब्रह्मांड के अति शुभ ग्रह देवगुरु ब्रह्स्पति का आशीर्वाद पूर्ण रूप से हट चुका है। दूसरी तरफ अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की चन्द्र राशि मेष पर से 13 अप्रैल 2022 से सद्बुद्धि के कारक देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद भी एक वर्ष के लिए पूर्ण रूप से हट गया है। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष वर्तमान की विपरीत परिस्थितियों में अपने स्वयं के गलत निर्णयों के कारण अपने ही देश के नागरिकों के लिए महासंकट पैदा कर सकते हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन वर्तमान में गोचरीय परिवर्तन के ग्रहों के अनुसार सर्वाधिक शक्तिशाली स्थिति में हैं। उनकी चन्द्र राशि वृष पर 13 अप्रैल 2022 से एक वर्ष के लिए देवगुरू बृहस्पति की सम्पूर्ण कृपा के कारण। वर्ष 2022 पूरी दुनिया में रूसी राष्ट्रपति पुतिन अपना लोहा मनवाने में कामयाब होते में पूरी तरह नजर आएंगे।
एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्तमान की विश्व की विपरीत परिस्थितियों के दौरान भारत का विश्व में कद काफी ऊंचा हो जाएगा। वर्तमान में 13 अप्रैल 2022 से स्वतन्त्र भारत की पुष्य नक्षत्र युक्त कर्क राशि पर देवगुरू बृहस्पति की गोचर में भाग्य भाव में सम्पूर्ण कृपा के कारण। दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वृश्चिक राशि पर 12 अप्रैल 2022 से छाया ग्रह राहु की सम्पूर्ण कृपा आने वाले डेढ़ वर्षों तक उन पर रहेगी जो कि विदेश नीति के मामले में काफी सफलता उन्हें प्रदान करेगी। इसके साथ ही ब्रह्मांड के अति शुभ ग्रह देवगुरु बृहस्पति की कृपा भी 13 अप्रैल से गोचर में उनकी वृश्चिक राशि से शुभ भाव में स्थिति हो गयी है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि वर्तमान की विश्व की विपरीत परिस्थितियों में भारत एक विश्व गुरु की भूमिका पूरी तरह निभा सकता है। अगर ब्रिटेन और अमेरिका अपने अहंकारी स्वभाव को त्यागकर भारत से मन से मदद की अपेक्षा करें और उस पर गहराई से अमल करें तो भारत वर्तमान के तृतीय विश्व युद्ध के खतरे को टालने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर यूरोपीय देशों की मदद कर सकता है।
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